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उत्तर प्रदेश : बरेली के उलमा बोले: लोकसभा चुनाव में उसी को देंगे वोट, जो पास कराएगा ये बिल; जारी किया मुस्लिम एजेंडा


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उत्तर प्रदेश : बरेली के उलमा बोले: लोकसभा चुनाव में उसी को देंगे वोट, जो पास कराएगा ये बिल; जारी किया मुस्लिम एजेंडा

बरेली में स्थित मशहूर दरगाह आला हजरत के तीन दिवसीय उर्स-ए-रजवी के मौके पर उलमा ने रविवार को मुस्लिम एजेंडा जारी किया। इसमें लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी बात कही गई है। मांग उठाई गई कि 'पैगंबर-ए-इस्लाम बिल' संसद में पास किया जाए ताकि कोई भी व्यक्ति उनकी शान में गुस्ताखी न कर सके।

उत्तर प्रदेश : बरेली में उर्स-ए-आला हजरत के पहले दिन ‘इस्लामिक रिसर्च सेंटर’ में उलमा की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने की। बैठक में देश के विभिन्न राज्यों से आए उलमा ने मुसलमानों के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मुसलमानों, हुकमतों और विभिन्न राजनीतिक दलों के कामों का जायजा लेते हुए ‘मुस्लिम एजेंडा’ भी तैयार किया।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘मुस्लिम एजेंडा’ जारी करते हुए मुसलमानों को हिदायत की है कि शिक्षा, बिजनेस और परिवार पर ध्यान दें। समाज में फैल रही बुराइयों की रोकथाम करें। ट्रिपल टी के फार्मूल पर काम करें यानि तालीम, तिजारत और तरबियत। यही कामयाबी का एकमात्र रास्ता है। लड़कियों के लिए अलग से स्कूल व कॉलेज खोलें। इस वक्त देश की राजनीति बहुत खराब हो चुकी है, इसलिए राजनीति से दूरी बनाएं। अन्यथा भविष्य में बड़े नुकसान उठाने पड़ेंगे।

मौलाना ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए मुसलमान हर कुर्बानी देने के लिये तैयार है, मगर हिंदू और मुस्लिम के दरम्यान नफरत फैलाने वाली राजनीति बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। मुसलमानों के साथ नाइंसाफी, जुल्म व ज्यादती को भी ज्यादा दिन तक हम सहन नहीं कर सकते। सरकारों व राजनीतिक दलों को इस पर गंभीरता से काम करना होगा। मुसलमानों के प्रति अपने आचरण में बदलाव लाना होगा।

‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा खोखला 

शहाबुद्दीन ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने ‘सबका साथ सबका विकास’ और ‘सूफी विचारधारा’ का नारा दिया था, मगर ये दोनों नारे खोखले साबित हो गए। न मुसलमानों को साथ लिया गया और न ही सूफी विचारधारा को बढ़ाने का काम किया। दूसरी तरफ कांग्रेस ने अपने समय कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ाया। उत्तर प्रदेश में यही काम समाजवादी पार्टी ने किया। प्रधानमंत्री के दावों की खुद ही उनके लोगों ने हवा निकाल दी कि उत्तराखंड की धामी सरकार ने दो दर्जन से ज्यादा सूफियों की मजारों को तोड़ा है।

मौलाना ने सरकार और राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा में ‘पैगंबर-ए-इस्लाम बिल’ संसद में पास किया जाए , ताकि कोई भी व्यक्ति पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी न कर सके। 2024 के लोकसभा चुनाव में जो राजनीतिक दल बिल को पास करने पर सहमति जताएंगी मुसलमान उन्हीं को वोट देगा।

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