झुंझुनूं-अलसीसर : स्व. चौधरी रामलाल श्योराण की 25वीं पुण्यतिथि पर उमड़ा जनसैलाब: 1996 की प्रधानमंत्री की सभा के बाद झुंझुनू की सबसे बड़ी जनसभा अलसीसर में
स्व. चौधरी रामलाल श्योराण की 25वीं पुण्यतिथि पर उमड़ा जनसैलाब: 1996 की प्रधानमंत्री की सभा के बाद झुंझुनू की सबसे बड़ी जनसभा अलसीसर में
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अंसार मुज़्तर
झुंझुनूं-अलसीसर : स्व.चौधरी रामलाल की 25वीं पुण्यतिथि समारोहपूर्वक रामलाल शिक्षण संस्थान अलसीसर में मनाई गई। सर्वप्रथम उनके चित्र पर श्योराण परिवार और उपस्थित जनसामान्य के द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई। उसके बाद दो मिनट का मौन रखा गया। सर्व समाज के द्वारा इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। कार्यक्रम में बीस हजार से अधिक लोगों ने चौधरी रामलाल को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। एक साधारण किसान परिवार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में इतनी संख्या में लोगों की उपस्थिति क्षेत्र में कौतूहल का विषय बन गया। लोगों के द्वारा इस कार्यक्रम को राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। श्योराण परिवार ने क्षेत्र वासियों के समग्र विकास, पिछड़े, गरीब, अल्पसंख्यक वर्ग के उत्थान के लिए सदैव कार्य किया है। वर्तमान में शिक्षा जगत में रामलाल शिक्षण संस्थान ने अभूतपूर्व परिणाम देते हुए क्षेत्र के शैक्षिक विकास को उन्नत किया है।
मनफूल सिंह श्योराण ने सच्चाई की राह पर चलने का आह्वान किया एवं संयुक्त परिवार के महत्व को उजागर किया। चौधरी रामलाल श्योराण के पोते सुनील श्योराण ने जन भावनाओं की मांग और आग्रह को देखते हुए मौजूदा जनसैलाब को विश्वास दिलाया कि आपके आशीर्वाद,सहयोग और समर्थन से भविष्य में राजनीतिक आकांक्षाओं का सम्मान किया जाएगा। जन आकांक्षाओं व भावनाओं को हर संभव पूरा करने में श्योराण परिवार अपने को गौरवान्वित महसूस करेगा। राजनीति में शुचिता का होना आवश्यक है तथा राग द्वेष की भावना रखना अनुचित है।
डॉ. हरिसिंह सहारण, कुंवर अंगद सिंह,मदन चौमाल, फतेह मोहम्मद भाटी, कमरुद्दीन खान, सहीराम,हाफिज खान, राजेंद्र सिंह, नारनौलिया ने चौधरी रामलाल के जीवन की घटनाओं को उजागर किया और उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा चौधरी रामलाल महान पुरुषों के आदर्शों पर चलने वाले नेक इंसान थे। आज भले ही वे नहीं हैं, लेकिन समाज के लोग उन्हें आज भी याद करते हैं। वे लोगों को हमेशा अच्छे रास्ते पर चलने और शिक्षा के लिए प्रेरित करते थे। जिससे समाज में परिवर्तन हो सके। वक्ताओं ने श्योराण परिवार के भावी कदम राजनीतिक क्षेत्र में रखने का आग्रह किया।