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झुंझुनूं में विजय दिवस पर शहीदों को किया याद:शहीद स्मारक पर कार्यक्रम आयोजित, विधायक और कलेक्टर ने दी पुष्पांजलि


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झुंझुनूं में विजय दिवस पर शहीदों को किया याद:शहीद स्मारक पर कार्यक्रम आयोजित, विधायक और कलेक्टर ने दी पुष्पांजलि

झुंझुनूं में विजय दिवस पर शहीदों को किया याद:शहीद स्मारक पर कार्यक्रम आयोजित, विधायक और कलेक्टर ने दी पुष्पांजलि

झुंझुनूं : 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत की 54वीं वर्षगांठ ‘विजय दिवस’ के रूप में सैनिकों की वीरभूमि झुंझुनूं में भी गौरव और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, पूर्व सैनिकों और गणमान्य व्यक्तियों ने शहीद स्मारक पर देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

झुंझुनूं के शहीद स्मारक पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में जिला कलेक्टर अरुण गर्ग और विधायक राजेंद्र भांबू ने संयुक्त रूप से देश के अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रेरणा का आह्वान और गौरवशाली परंपरा

कलेक्टर अरुण गर्ग ने कहा कि 1971 के युद्ध के वीरों का बलिदान याद रखा जाएगा। यह भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने युवा पीढ़ी से इन वीर शहीदों से प्रेरणा लेने और राष्ट्र निर्माण के कार्यों में योगदान देने का आह्वान किया।

विधायक राजेंद्र भांबू ने झुंझुनूं जिले की गौरवशाली सैन्य परंपरा पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे इस वीरभूमि के जनप्रतिनिधि हैं, जिसने देश को सर्वाधिक सैनिक दिए हैं और हर युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।

शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देते जिला कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग।
शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देते जिला कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग।
शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देते विधायक राजेंद्र भांभू।
शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देते विधायक राजेंद्र भांभू।

विजय दिवस: 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत की गौरवगाथा

विजय दिवस हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की ऐतिहासिक और निर्णायक जीत का प्रतीक है। इस दिन को भारतीय सेना के शौर्य, बलिदान और पराक्रम को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित किया गया है।

1971 का युद्ध बांग्लादेश का जन्म

3 दिसंबर, 1971 को भारत-पाकिस्तान युद्ध की औपचारिक शुरुआत हुई। यह युद्ध केवल 13 दिनों तक चला, जो इतिहास के सबसे छोटे युद्धों में से एक है।16 दिसंबर, 1971 को, पाकिस्तानी सेना के प्रमुख, जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने अपने 93,000 सैनिकों के साथ ढाका में भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी के सामने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था। इस युद्ध में भारतीय सेना के लगभग 3,900 जवान शहीद हुए थे। विजय दिवस उन सभी वीर शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को सम्मान देने का दिन है।

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