झुंझुनूं में सैनिक परिवारों ने रखी वन-स्टॉप सेंटर की मांग:13वीं राजपूताना राइफल्स के शहीदों का सम्मान; वीरांगनाएं भी शामिल हुईं
झुंझुनूं में सैनिक परिवारों ने रखी वन-स्टॉप सेंटर की मांग:13वीं राजपूताना राइफल्स के शहीदों का सम्मान; वीरांगनाएं भी शामिल हुईं
झुंझुनूं : झुंझुनूं में देश की वीर परंपरा को सलाम करते हुए 13वीं राजपूताना राइफल्स के शहीद जवानों की स्मृति में शहीद सम्मान समारोह आयोजित किया गया। अशोक चक्र प्राप्त बटालियन के पूर्व सैनिकों ने इस कार्यक्रम की अगुवाई की और जिले भर से पहुंचे पूर्व सैनिकों, शहीदों के परिजनों तथा बड़ी संख्या में आमजन ने इसमें भाग लेकर अपने वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारत माता की जयकार से गूंजा समारोह स्थल
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद स्मारक पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के साथ हुई। सुबह से ही शहीद स्मारक पर लोगों का जुटना शुरू हो गया था। पूर्व सैनिकों, शहीद वीरांगनाओं, युवाओं और स्कूली बच्चों ने जयकारों के बीच शहीद वेदी पर पुष्पचक्र अर्पित किए। वातावरण ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’ और ‘अमर शहीद अमर रहें’ जैसे नारों से गूंज उठा। शहीदों के नाम लेते समय लोगों की आंखें नम हो गईं, वहीं गर्व की अनुभूति भी महसूस हुई।

वीरांगनाओं को किया सम्मानित
इस दौरान सेना से सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कहा कि 13वीं राजपूताना राइफल्स की गौरवशाली परंपरा और उसके जवानों का पराक्रम देश की सीमाओं पर आज भी मिसाल है। श्रद्धांजलि सभा के बाद सामुदायिक भवन में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। यहां शहीद वीरांगनाओं का मंच पर स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिह्न और शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।
समारोह में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि सैनिक का जीवन त्याग और अनुशासन का प्रतीक होता है, लेकिन शहीद होने के बाद उनके परिवारों की देखभाल समाज और व्यवस्था की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है। कई वीरांगनाओं ने भी मंच से अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि उनके पति ने देश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया और समाज का सम्मान उन्हें आगे बढ़ने का हौसला देता है।
सैनिक परिवारों की समस्याओं पर चर्चा
इस अवसर पर 13वीं राजपूताना राइफल्स में सेवाएं दे चुके अनेक पूर्व सैनिक एक मंच पर जुटे। उन्होंने अपनी सेवा अवधि की यादें साझा करते हुए वर्तमान में सामने आ रही समस्याओं पर भी बात की। पेंशन, चिकित्सा सुविधाएं, आश्रितों की नौकरी, युद्ध स्मारकों की रखरखाव तथा सैन्य कॉलोनियों की आवश्यकताओं जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
पूर्व सैनिकों ने कहा कि यदि प्रशासन संवेदनशीलता दिखाए और समाज आगे आए तो इन समस्याओं का समाधान सरलता से हो सकता है। उन्होंने जिले के अधिकारियों से आग्रह किया कि सैन्य परिवारों की समस्याओं के समाधान के लिए नियमित संवाद तंत्र विकसित किया जाए।

वन स्टॉप सेल बनाने की मांग रखी
पूर्व सैनिकों ने यह भी मांग रखी कि झुंझुनूं जैसे सैनिक बहुल इलाके में शहीद परिवारों के लिए विशेष सहायता तंत्र होना चाहिए। कई सैन्य परिवारों का कहना था कि छोटे-छोटे कार्यों में भी उन्हें दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
यदि जिला प्रशासन स्तर पर एक ‘वन स्टॉप सेल’ बनाया जाए, जहां से सभी प्रकार की सैन्य-कल्याण सेवाएं उपलब्ध हो सकें, तो यह बड़ा राहत कदम होगा। समारोह में मौजूद सामाजिक संगठनों ने भी इस पहल के समर्थन की घोषणा की।
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