झुंझुनूं में 58 हजार किसानों को नहीं मिली किश्त:पीएम किसान निधि में 2.41 लाख को मिले 48.21 करोड़
झुंझुनूं में 58 हजार किसानों को नहीं मिली किश्त:पीएम किसान निधि में 2.41 लाख को मिले 48.21 करोड़
झुंझुनूं : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत झुंझुनूं जिले के किसानों के खाते में 21वीं किश्त जारी की गई। जिले के 2.41 लाख किसानों को इस किश्त में कुल 48.21 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। हर किसान के खाते में योजना के अनुरूप 2 हजार रुपए की राशि ट्रांसफर की गई है।
लेकिन इस बार बड़ी संख्या में किसान किश्त से वंचित रह गए। जिले के 58 हजार पंजीकृत किसानों को दस्तावेज अपडेट नहीं होने की वजह से सम्मान निधि की राशि नहीं मिल पाई। इन किसानों को मिलने वाली करीब 11.60 करोड़ रुपए की राशि अटकी पड़ी है।
ई-केवाईसी पूरी नहीं हो पाई
जिले में कुल 2.99 लाख किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना में पंजीकृत हैं। इनमें से एक बड़ा हिस्सा ऐसा है, जिनके दस्तावेज समय रहते अपडेट नहीं हो सके। इसमें ई-केवाईसी, आधार-बैंक खाता लिंक, खाता अपडेट, आधार अपडेट और लैंड सीडिंग जैसी अनिवार्य प्रक्रियाएं शामिल हैं। इस बार लाभ से वंचित रहने वाले किसानों में बड़ी संख्या वरिष्ठ नागरिकों की है। विभाग के अनुसार, कई बुजुर्ग किसानों के फिंगरप्रिंट मशीन में मैच नहीं होने की वजह से उनकी ई-केवाईसी पूरी नहीं हो पाई।
ई-केवाईसी नहीं कराने वालों की संख्या सबसे अधिक
जिले में सबसे अधिक 24,618 किसानों ने ई-केवाईसी नहीं कराई है। जबकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ई-केवाईसी को पूरा करना अनिवार्य है। ई-केवाईसी लंबित रहने पर किसानों को आने वाली किश्तों का लाभ नहीं मिल सकेगा। ई-केवाईसी फेल होने के सबसे बड़े कारणों में वरिष्ठ किसानों की तकनीकी दिक्कतें, गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या और बायोमेट्रिक मशीनों का सही तरीके से काम न करना शामिल हैं। कई किसानों को इसकी जानकारी समय पर नहीं मिल पाई कि बिना ई-केवाईसी उनके खाते में राशि नहीं आएगी।
बैंक खाता व आधार अपडेट न होने से 19 हजार किसान प्रभावित
जिले के 19,302 किसानों का बैंक खाता और आधार अपडेट नहीं हो पाया है। कई किसानों ने बैंक शाखाओं में जाकर खाता लिंक करवाया, लेकिन डाटा सर्वर में अपडेट न होने से प्रक्रिया पेंडिंग रह गई। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें किसानों ने बैंक बदल लिया, लेकिन योजना पोर्टल पर नया खाता अपडेट नहीं कराया। इससे भुगतान रिस्क में चला गया और किश्त रोक दी गई।
13 हजार किसानों की लैंड सीडिंग प्रक्रिया अधूरी
योजना के तहत जमीन के सत्यापन यानी लैंड सीडिंग की प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है। जिले के 13 हजार किसान ऐसे हैं, जिनकी भूमि से जुड़ा डाटा राजस्व विभाग या योजना पोर्टल पर अपडेट नहीं हो पाया।
लैंड सीडिंग फेल होने के पीछे पटवार हल्कों में स्टाफ की कमी, किसानों के रिकॉर्ड का पुराना होना, नामांतरण प्रक्रिया का लंबा चलना और रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन में देरी जैसी वजहें सामने आई हैं। जिन किसानों के कागजातों में छोटी सी भी त्रुटि है, उनकी फाइल पोर्टल पर रिजेक्ट हो गई और किश्त रुक गई।
पिछली किश्तों में भी दिखी थी यही समस्या
यह पहली बार नहीं है कि बड़ी संख्या में किसान किश्त से वंचित हुए हों। जिले में पिछली 3 किश्तों में भी 40-60 हजार किसानों को दस्तावेज अपडेट न होने के कारण लाभ नहीं मिला था। हालांकि कृषि विभाग लगातार कैंपों और सूचना के माध्यम से किसानों को अपने दस्तावेज अपडेट कराने के लिए जागरूक करता रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में सूचना समय पर नहीं पहुंचती। कई किसान यह मानकर चलते हैं कि खाता चल रहा है तो किश्त अपने आप मिल जाएगी, जबकि पोर्टल पर हर दस्तावेज अपडेट रहना जरूरी है।
विभाग अब करेगा ब्लॉक-वार कैंप
कृषि विभाग ने 58 हजार किसानों की फाइल रोकने के बाद ब्लॉक स्तर पर विशेष कैंप लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इन कैंपों में किसान अपना आधार, बैंक खाता, ई-केवाईसी और लैंड सीडिंग की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, लक्ष्य है कि अगले एक महीने में सभी लंबित मामलों को निपटा दिया जाए ताकि अगली किश्त में कोई किसान वंचित न रहे।
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