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पूर्व प्रधान बोलीं-विधायक का बेटा- दामाद कमीशन मांगता हैं:पंचायत में 45% GST सिंडिकेट, वसूली चल रही; चिड़ावा प्रधान पद से दिया था इस्तीफा


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पूर्व प्रधान बोलीं-विधायक का बेटा- दामाद कमीशन मांगता हैं:पंचायत में 45% GST सिंडिकेट, वसूली चल रही; चिड़ावा प्रधान पद से दिया था इस्तीफा

पूर्व प्रधान बोलीं-विधायक का बेटा- दामाद कमीशन मांगता हैं:पंचायत में 45% GST सिंडिकेट, वसूली चल रही; चिड़ावा प्रधान पद से दिया था इस्तीफा

चिड़ावा : झुंझुनूं में चिड़ावा पंचायत समिति की प्रधान इंदिरा डूडी का इस्तीफा शुक्रवार को जिला प्रमुख ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने 6 अक्टूबर को इस्तीफा भेजा था। आज शनिवार को इंदिरा डूडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें जनप्रतिनिधियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा- चिड़ावा पंचायत समिति में जीएसटी के नाम पर चल रही अवैध वसूली लाखों में नहीं, करोड़ों में है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों से 45% तक “कट” लिया जाता था।

उन्होंने कहा- स्थानीय विधायक (पित राम काला) के बेटे- दामाद और रिश्तेदार कमीशन मांगते हैं। ग्राम विकास अधिकारी (VDO) ने पूर्व प्रधान के साथ पार्टनरशिप में एक कंपनी बना रखी है, जिससे पूरा खेल किया जा रहा है।

इंदिरा डूडी ने कहा- 2020 में जनता ने आशीर्वाद देकर प्रधान बनाया, लेकिन उसी दिन से कुछ नेताओं को मेरी प्रधानी पच ही नहीं पाई। पहले अविश्वास लाए, फिर झूठी जांच करवाई, फिर निलंबित करवाया, लेकिन मैं हर बार निर्दोष साबित हुई। उन्होंने एक निजी रिसॉर्ट में प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं, जिसमें उनके कार्यकाल के दौरान हुए पूरे घटनाक्रम को बताया।

इंदिरा डूडी ने कहा-

2020 में जनता ने आशीर्वाद देकर प्रधान बनाया, लेकिन उसी दिन से कुछ नेताओं को मेरी प्रधानी पच ही नहीं पाई। पहले अविश्वास लाए, फिर झूठी जांच करवाई, फिर निलंबित करवाया, लेकिन मैं हर बार निर्दोष साबित हुई।

मेरे जीतने के अगले दिन ही मेरे ही साथ कांग्रेस के सिंबल पर खड़े लोग निर्दलीय बन गए। जो लोग मेरे साथ कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़कर जीते, वही लोग अगले ही दिन उनके खिलाफ खड़े हो गए।

उन्होंने कहा- कुछ लोगों को मेरी प्रधानी हजम नहीं हुई। कई हल्की हरकत वाले नेताओं ने मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी की। अविश्वास प्रस्ताव 2024 में आया, लेकिन एक वोट की कमी से गिर गया। इसके बाद यहीं से असल लड़ाई शुरू हुई। मेरे ऊपर बनाई गई झूठी जांच… लेकिन एक रुपया का आरोप भी सिद्ध नहीं कर पाए।

डूडी ने कहा- अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद विरोधियों ने उन पर अनियमितता, पद दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर रिपोर्ट भिजवाना शुरू कर दी इसके बाद पंचायती राज विभाग ने जांच बैठाई और अक्टूबर 2024 में उन्हें निलंबित कर दिया गया।

जांच में मैं पूरी तरह निर्दोष निकलीं

डूडी ने कहा- जांच तीन स्तरों पर हुई। इसमें मैं पूरी तरह दोषमुक्त निकलीं। सितंबर 2025 में उनका बहाली आदेश आया, जिसमें साफ लिखा था कि “प्रधान दोषमुक्त है।”

बहाली के बाद 1 अक्टूबर 2025 को जब दोबारा कार्यभार संभाला, तो लगा कि “कुछ तो बहुत गलत हो रहा है।” उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी, खासकर चिड़ावा VDO, उनकी अनुमति के बिना बैठकें बुला रही थीं।

डूडी ने आरोप लगाया कि बाल संरक्षण समिति की बैठक रात को मैसेज करके बुला ली जाती थी। मैंने पूछा तो कहा यह मीटिंग मैंने स्वयं बुला ली। सचिव की तरह काम करने के बजाय नेतागिरी कर रही थीं। जब उन्होंने गलत तरीके से बुलाई गई मीटिंग में साइन करने से मना किया, तभी से टकराव शुरू हो गया।

पंचायत में 45% जीएसटी सिंडिकेट चल रहा था

इंदिरा डूडी ने कहा- चिड़ावा पंचायत समिति में जीएसटी के नाम पर चल रही अवैध वसूली लाखों में नहीं, करोड़ों में है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों से 45% तक “कट” लिया जाता था। जिस जनता का टैक्स सरकार को जाना चाहिए, वही पैसा 45% जीएसटी के नाम पर इकट्ठा कर लिया जाता था। 5 प्रतिशत VDO को, 4 प्रतिशत AEN को, 3 प्रतिशत किसी और को… और इस तरह जनता की कमाई लूट ली जाती है।

डूडी ने बताया- उन्होंने कई बार VDO और अन्य अधिकारियों से कहा कि यह गलत है, लेकिन चार- पांच दिन तक चेतावनी देने के बावजूद वे नहीं मानीं। इसकी कलेक्टर को लिखित शिकायत दी, जिसकी कॉपी उनके पास मौजूद है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधान रोहतास धागड़ और अधिकारियों की साझेदारी में बनी दिव्या कंस्ट्रक्शन कंपनी से ही पूरा खेल किया जा रहा है। उन्होंने दिव्या कंस्ट्रक्शन कंपनी की जांच की मांग की।

पूर्व प्रधान की कंपनी में VDO पार्टनर, जांच हो

डूडी ने दावा किया कि यह कंपनी रोहतास धागड़ और एक ड्राइवर के नाम पर बनी है, जिसमें खुद चिड़ावा VDO पार्टनर हैं। 40% राशि एडवांस निकाल ली जाती है। डूडी का आरोप है कि उनके कार्यकाल में जब तक काम पूरा नहीं होता था और AEN सीसी नहीं देता था, तब तक उन्होंने एक रुपए का भुगतान नहीं किया। लेकिन बहाली तक आते-आते यह पैटर्न बदल चुका था।

लिस्ट दिखाकर बोलीं- कौन-कितना वसूल रहा

  • डूडी ने कहा- एक 10,41,063 रुपए के टेंडर में कुल 4,91,000 रुपए कमीशन ले लिया गया।
  • रोहतास धागड़ (पूर्व नॉमिनेट प्रधान)- 3,34,000 रुपए
  • दिनेश पूनिया- 52,000 रुपए
  • हेमंत- 20,000 रुपए
  • विकास अधिकारी- 50,000 रुपए
  • सहायक अभियंता मुकेश शर्मा- 3,500 रुपए

कहा- मैं हर पेमेंट का सबूत देने को तैयार हूं

डूडी ने दावा किया कि अगर मेरे बताए पेमेंट गलत हों, मैं सबूत देने को तैयार हूं। जांचें जारी हैं। मंत्री, मुख्यमंत्री और ACB तक जांच करवा रहे हैं। इस्तीफा देने के बाद भी रोहतास धागड़ और संबंधित अधिकारी जांचों को अपने पक्ष में करवाने का दबाव बना रहे हैं। इनकी वर्तमान में जिला स्तर पर जांच जारी है। इस बार मैं पद छोड़कर इनके खिलाफ लड़ूंगी। एक-एक सबूत कोर्ट में दूंगी।

विधायक पर भी लगाए गंभीर आरोप

डूडी ने बताया कि सोलना ग्राम पंचायत में कुसुम योजना के तहत लग रहे सोलर प्लांट को लेकर स्थानीय विधायक बेहद चिंतित थे। विधायक ने कहा था कि अगर कनेक्शन हो गया तो मेरा नाक कट जाएगी। फिर बोले- अगर कनेक्शन हुआ तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। मैं किसी की जान अपने ऊपर नहीं ले सकती थी। ऐसे बयान जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देते।

विधायक के बेटे और दामाद पर कमीशन मांगने का आरोप

डूडी ने बेहद गंभीर आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक के बेटे- दामाद और रिश्तेदार कमीशन मांगते हैं। पंचायत के कामों में कमीशन मांगते हैं। एक बार विधायक बनने से कुछ नहीं होता, इंसान बनना पड़ता है। मैंने इस्तीफा देकर एक विधायक की जान बचाई। मैंने इस्तीफा दबाव में नहीं दिया। मैंने एक जान बचाई है। अगर वह सच में आत्महत्या कर लेते तो जिंदगीभर पछतावा रहता।

उपप्रधान की भूमिका पर भी उठाए सवाल

डूडी के अनुसार, परंपरा के अनुसार प्रधान का निलंबन या इस्तीफे के बाद पद उपप्रधान को मिलता है। लेकिन कांग्रेस के उपप्रधान ने लिखकर दिया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है, अतः रोहतास धागड़ को पद दे दिया जाए। यह पहले से प्लान किया हुआ सियासी खेल था। लेकिन मैं अब जनता का एक–एक रुपया वापस दिलवाऊंगी।

हालांकि डूडी ने कहा कि वह राजनीति छोड़ नहीं रही हैं। उल्टा मैं कांग्रेस में थी, हूं और रहूंगी। लेकिन अब बाहरी दबाव में पद पर रहकर कुछ नहीं कर सकती थी। बाहर रहकर लड़ूंगी। उन्होंने कहा- पंचायत समिति में कई करोड़ रुपए के घोटाले हुए हैं। सिर्फ 45% जीएसटी वसूली में ही करोड़ों खो गए हैं। सभी हेड में कितनी-कितनी राशि गई, इसकी डिटेल निकलवा रही हूं।

विधायक बोले- आरोप राजनीतिक, वो भाजपा से प्रभावित हो गई हैं

पिलानी विधायक पित राम काला का कहना है- यह राजनीतिक आरोप है। कोई किसी पर भी आरोप लगा सकता है। वह विधानसभा चुनाव से दूर रही है। भाजपा से प्रभावित हो गई है। खुद अपने आप में झांके। कोई आरोप सिद्ध कर के बताएं। मैंने 38 साल शिक्षा विभाग में नौकरी की है। कोई एक भी व्यक्ति मेरे लिए कुछ ऐसा आपको बता दे तो बताए। मुझे ऐसे लोगों के लिए कुछ नहीं कहना, यहीं कहूंगा खुद अपने आप में झांककर देखें।

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