[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

जसरापुर ग्राम सेवा सहकारी समिति में किसानों को 3 साल बाद मिली डीएपी: डीएपी-यूरिया के 700-700 कट्टों की आवक से किसानों को राहत


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
खेतड़ीझुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

जसरापुर ग्राम सेवा सहकारी समिति में किसानों को 3 साल बाद मिली डीएपी: डीएपी-यूरिया के 700-700 कट्टों की आवक से किसानों को राहत

किसान को एक आधार कार्ड पर मिलेगा एक कट्टा, डीएपी 1350 रुपए व यूरिया 267 रुपए में उपलब्ध

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : विजेन्द्र शर्मा

खेतड़ी : खेतड़ी उपखंड के जसरापुर ग्राम पंचायत स्थित ग्राम सेवा सहकारी समिति में लगभग तीन साल बाद डीएपी खाद की आपूर्ति फिर से शुरू हो गई है। लंबे समय से डीएपी न मिलने के कारण किसान निजी बाजार से महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर थे।

समिति को डीएपी के 700 कट्टे मिले

शनिवार को वितरण शुरू होते ही किसानों में खुशी का माहौल देखा गया। समिति के व्यवस्थापक विक्रम सिंह ने बताया कि सहकारी समिति को डीएपी के 700 कट्टे प्राप्त हुए हैं। इसका वितरण 1350 रुपए प्रति कट्टा के निर्धारित मूल्य पर आधार कार्ड दिखाने पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रबी फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है, ऐसे समय में डीएपी मिलना किसानों के लिए बड़ी राहत है।

विक्रम सिंह ने यह भी बताया कि समिति में यूरिया खाद के 700 कट्टे भी उपलब्ध करवाए गए हैं। एक किसान को एक आधार कार्ड पर यूरिया का एक कट्टा 267 रुपए में दिया जा रहा है। यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है ताकि अधिक से अधिक किसानों तक खाद पहुंच सके और कोई भी किसान वंचित न रहे।

3 साल बाद मिला डीएपी खाद

खाद उपलब्ध होने की जानकारी फैलते ही जसरापुर के साथ-साथ देवता, तातीजा, ढाणी बाढ़ान, लोयल, चारावास, नंगली सलेदी सिंह, बडाऊ, रसूलपुर, बिलवा और बाकोटी सहित कई गांवों के किसान समिति पहुंचे और खाद प्राप्त की।

किसानों ने बताया कि तीन साल से डीएपी न मिलने के कारण उनकी लागत बढ़ गई थी और निजी बाजार में उन्हें अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे थे। किसानों ने कहा कि अब सोसाइटी पर खाद मिलने से उनका आर्थिक बोझ कम होगा और उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

नियमित आपूर्ति बनाए रखने की मांग

उन्होंने आगे भी नियमित आपूर्ति बनाए रखने की मांग की।कृषि पर्यवेक्षक जीतू विगरवाल ने जानकारी दी कि वर्तमान में चना, गेहूं, सरसों सहित रबी फसलों की बुवाई का समय है और ऐसे में डीएपी सबसे अधिक उपयोगी होती है। यह बीज और जड़ विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है। इसलिए समिति पर समय पर खाद उपलब्ध होना किसानों की आजीविका से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस अवसर पर भंवरलाल, सत्यवीर, राम सिंह, रिशाल सिंह, संदीप सिंह, सचिन गुर्जर, गूगन राम, गजेंद्र सिंह, राजेश कुमार, मदनलाल, ओमप्रकाश, कृष्ण कुमार सहित अनेक किसान मौजूद रहे।

Related Articles