सीपुर में सड़क हादसे में चार मौतों पर 7 घंटे बाद खत्म हुआ गतिरोध
प्रशासन, परिजन और प्रदर्शनकारियों में बनी सहमति - मिला मुआवजा, दो प्लॉट और दो को संविदा नौकरी का आश्वासन
जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत
अजीतगढ़ : जयपुर के हरमाड़ा इलाके में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में अजीतगढ़ के सीपुर गांव के चार लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को गांव में हालात तनावपूर्ण रहे। लगभग सात घंटे चले जाम और प्रदर्शन के बाद आखिरकार प्रशासन और परिजनों के बीच सहमति बन गई।
तहसीलदार जगदीश प्रसाद बैरवा और डिप्टी एसपी उमेश गुप्ता की अहम भूमिका से बने इस समझौते में प्रशासन ने अधिकतम मुआवजा, दो आवासीय भूखंड और दो परिजनों को संविदा पर नौकरी देने का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने अजीतगढ़–शाहपुरा स्टेट हाईवे से जाम हटाया और विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों – दशरथ बुनकर, महेंद्र बुनकर, पांच वर्षीय भानु और 19 वर्षीय वर्षा – की मौत हो गई थी। तीन दिन पहले हुए इस हादसे में वर्षा घायल हुई थी, जिसने आज सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सुबह जैसे ही वर्षा का शव गांव पहुंचा, माहौल गमगीन और तनावपूर्ण हो गया। ग्रामीणों ने शव एंबुलेंस में रखकर हाईवे पर धरना दे दिया, जिससे घंटों यातायात ठप रहा।
ग्रामीणों ने प्रशासन से 50-50 लाख मुआवजा, संविदा नौकरी और दो-दो प्लॉट देने की मांग रखी। पहली दो वार्ताएं विफल रहीं, लेकिन बाद में बनी 11 सदस्यीय कमेटी के साथ तीसरी वार्ता सफल रही। मौके पर विधायक मनीष यादव, प्रधान शंकरलाल यादव, तहसीलदार बैरवा और डिप्टी एसपी गुप्ता मौजूद रहे। सहमति बनने के बाद शवों का अंतिम संस्कार किया गया। गांव में शोक और सन्नाटे का माहौल है – हर आंख नम है, हर घर गम में डूबा है। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की कि ओवरलोड और तेज रफ्तार वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
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