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मंत्री बोले-2047 में देश को मिली आजादी:खर्रा ने कहा- सरकार 1 नवंबर को निकाय चुनाव की सिफारिश भेजने को तैयार


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मंत्री बोले-2047 में देश को मिली आजादी:खर्रा ने कहा- सरकार 1 नवंबर को निकाय चुनाव की सिफारिश भेजने को तैयार

मंत्री बोले-2047 में देश को मिली आजादी:खर्रा ने कहा- सरकार 1 नवंबर को निकाय चुनाव की सिफारिश भेजने को तैयार

सीकर : सीकर में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा-15 अगस्त 2047 को देश को विखंडन के साथ आजादी मिली। आजादी के समय, जो भूभाग भारत राज्य से कटकर दो अलग राष्ट्र बन गए थे, उनके अलावा भारत के भूभाग में 565 रियासतें थीं। एक हजार साल से ज्यादा विदेशी आक्रांताओं के अत्याचार झेलने के बाद, एक लंबे स्वतंत्रता संग्राम और महान क्रांतिकारियों के बलिदान के परिणामस्वरूप हमें आजादी मिली।

मंत्री खर्रा शुक्रवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित एकता मार्च में भाग लेने पहुंचे थे। मंत्री खर्रा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। राजस्थान सरकार और स्वायत्त शासन विभाग 1 नवंबर को प्रदेश के सभी 300 निकायों में चुनाव करवाने की सिफारिश भेजने के लिए तैयार है। विभाग और सरकार के स्तर पर सारा काम पूरा हो चुका है और गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है।

हालांकि, राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के स्तर पर कुछ काम अभी बाकी है। इसी बीच भारत निर्वाचन आयोग ने SIR की घोषणा कर दी है। निकायवार ओबीसी की जातियों के आंकड़े और राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूचियों का प्रकाशन होने के तुरंत बाद, सरकार 4 दिन में ही चुनाव करवाने की सिफारिश भेज देगी।

संतान संबंधी नियम बदलने पर सरकार विचार कर रही है

यूडीएच मंत्री खर्रा ने कहा कि 1995 में स्वायत्त शासन विभाग व पंचायती राज विभाग में संतान संबंधी प्रतिबंध का प्रावधान लागू किया गया था। इसके बाद 2002 में सरकारी कर्मचारियों पर भी ये प्रतिबंध लागू किया गया। 2018 में कुछ रियायतें दे दी गईं, जिसके बाद से पंचायतीराज व निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक युवाओं, मतदाताओं और जनप्रतिनिधियों से रियायतें बढ़ाने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इस पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। उनका मुख्य तर्क है कि जब सरकारी कर्मचारियों को रियायत दी जा सकती है तो निकाय व पंचायतीराज चुनाव लड़ने वालों को भी छूट मिलनी चाहिए।

निर्वाचन आयोग के पास विरोध दर्ज नहीं करवाया

खर्रा ने बिहार में SIR के बाद मतदाता सूची से नाम अलग किए जाने पर कहा कि किसी ने भी निर्वाचन आयोग के पास विरोध दर्ज नहीं करवाया। इसका अर्थ यही है कि जो गलत नाम हटाए गए तो वो सभी उचित थे। उन्होंने पश्चिम बंगाल में हो रहे विरोध पर कहा कि वहां 1 करोड़ से ज्यादा फर्जी मतदाताओं के नाम टीएमसी सरकार ने मतदाता सूची में जोड़ दिए थे।

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