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गोपाष्टमी पर प्रदेश की सभी पात्र गौशालाओं में मनाया जाए महोत्सव-गोपालन मंत्री


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गोपाष्टमी पर प्रदेश की सभी पात्र गौशालाओं में मनाया जाए महोत्सव-गोपालन मंत्री

गोपाष्टमी पर प्रदेश की सभी पात्र गौशालाओं में मनाया जाए महोत्सव-गोपालन मंत्री

जयपुर : पशुपालन और गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने विभागीय प्रगति की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आगामी गोपाष्टमी महोत्सव को प्रदेशभर की सभी पात्र गौशालाओं में श्रद्धा एवं उत्साहपूर्वक आयोजित किया जाए। उन्होंने इस अवसर पर गौसेवा, गौपूजन, तथा गौ संरक्षण से जुड़ी विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित करने के निर्देश दिए। गोपालन मंत्री गोपाष्टमी के अवसर पर कोटा जिले की गोशाला में महोत्सव में भाग लेंगे।

कुमावत ने कहा कि गोपाष्टमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो गौसेवा और गौसंवर्धन के प्रति जनजागरण का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर गौसेवा, गौपूजन, गौग्रास वितरण एवं स्वच्छता अभियान जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए ताकि आमजन में गौसंरक्षण के प्रति संवेदनशीलता और सहभागिता बढ़े।

पशुपालन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं एवं गौशालाओं के संचालकों के साथ समन्वय कर महोत्सव को सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि गोपाष्टमी पर्व पर गायों की सेवा करना हमारे सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न अंग है और इस अवसर पर गायों के स्वास्थ्य परीक्षण, टीकाकरण एवं पोषण संबंधी कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाए।

कुमावत ने कहा कि महोत्सव के आयोजन से ग्रामीण समाज में गौ-आधारित अर्थव्यवस्था के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और यह राज्य में गौसंवर्धन मिशन को नई दिशा प्रदान करेगा।

पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार गौपालन और गौसंवर्धन के लिए अनेक प्रभावी योजनाएँ चला रही है। गौशालाओं के सशक्तिकरण, गोवंश आधारित आजीविका और डेयरी विकास को बढ़ावा देने के लिए विभाग सतत प्रयासरत है। उन्होंने सभी गौशाला संचालकों, पशुपालकों और नागरिकों से अपील की कि वे गोपाष्टमी के अवसर पर स्वच्छता, पोषण और गौसेवा के कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाएँ। उन्होंने कहा कि गौवंश न केवल धार्मिक दृष्टि से पूजनीय है बल्कि पर्यावरण, कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आधारशिला भी है। अतः इसका संरक्षण समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।

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