गुर्जर समाज ने मृत्युभोज सहित कई कुरीतियों पर लगाई पाबंदी:नीमकाथाना में सामाजिक रीति-रिवाज सरल बनाने का लिया निर्णय
गुर्जर समाज ने मृत्युभोज सहित कई कुरीतियों पर लगाई पाबंदी:नीमकाथाना में सामाजिक रीति-रिवाज सरल बनाने का लिया निर्णय
जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत
नीमकाथाना : गुर्जर समाज ने सामाजिक कुरीतियों और फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। ये फैसला नीमकाथाना के कालामेडा गांव स्थित हिरामल मंदिर में आयोजित एक बैठक में लिया गया। महंत भजन लाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में समाज में फैली कुरीतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। देवनगर (काला मैडा) में आयोजित इस सामाजिक सभा में कुल 11 सूत्रीय प्रस्तावों को लागू करने का निर्णय लिया गया, जिनका मुख्य उद्देश्य सामाजिक रीति-रिवाजों को सरल और कम खर्चीला बनाना है।
इन प्रमुख निर्णयों में मृत्युभोज (गंगोज, काज, सवामणी आदि) पर पूर्ण पाबंदी शामिल है। समाज ने इस प्रथा को पूरी तरह से बंद करने का संकल्प लिया है। इसके अलावा, पुत्र जन्मोत्सव पर आयोजित होने वाले भोज, पेज या छुछक जैसे कार्यक्रमों को भी बंद करने का प्रस्ताव पारित हुआ है। विवाह के अवसर पर ‘पहरावणी (चौकी)’ में शगुन के तौर पर केवल 101 रुपए के लेनदेन का प्रस्ताव रखा गया है। इसी प्रकार, ‘लग्न टीका’ में भी 101 रुपए के लेनदेन पर सहमति बनी है।
‘मिलणी’ कार्यक्रम को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है। शोक सभाओं में आगंतुकों के लिए नाश्ता, लड्डू, नुक्ती, कोल्डड्रिंक आदि के वितरण पर भी रोक लगाई गई है। महिलाओं द्वारा किसी भी सामाजिक अवसर पर बर्तन बांटने की प्रथा पर भी पाबंदी लगाई गई है। सामाजिक कार्यक्रमों और विवाहों में डीजे घर पर बजाने, ले जाने और शराब की स्टॉल लगाने पर भी पूर्ण पाबंदी लगाई गई है।
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