20 नवम्बर से होगीअर्द्धवार्षिक परीक्षा:पहली बार नए स्वरूप में होगा आयोजन, वार्षिक परीक्षाएं 25 मार्च तक पूरी करने का लक्ष्य
20 नवम्बर से होगीअर्द्धवार्षिक परीक्षा:पहली बार नए स्वरूप में होगा आयोजन, वार्षिक परीक्षाएं 25 मार्च तक पूरी करने का लक्ष्य
झुंझुनूं : शिक्षा विभाग ने इस सत्र में विद्यार्थियों के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 20 नवंबर से 2 दिसंबर तक आयोजित की जाएंगी। पहले यह परीक्षाएं 12 से 24 नवंबर तक प्रस्तावित थीं। विभाग ने शिविरा पंचांग में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही संशोधित पंचांग जारी किया जाएगा।
पहली बार नए जिलों के आधार पर परीक्षा आयोजन
इस बार राज्य में नए जिलों के गठन के बाद पहली बार परीक्षा का आयोजन 41 जिलों के आधार पर किया जाएगा। पहले यह परीक्षा योजना 33 जिलों पर आधारित थी। अब झुंझुनूं सहित सभी नए जिलों का डेटा शाला दर्पण पोर्टल पर अपडेट कर दिया गया है। विभाग के अनुसार, नए जिलों के गठन से राज्य समान परीक्षा योजना को और मजबूती मिलेगी। इससे परीक्षा प्रबंधन, मूल्यांकन और परिणाम प्रक्रिया एकसमान ढंग से हो सकेगी।
डीईओ बोले — सिलेबस पूरा, तैयारियां अंतिम चरण में
डीईओ (माध्यमिक) राजेश मील ने बताया कि “जिले के स्कूलों में विद्यार्थियों का दूसरा टेस्ट चल रहा है और अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पहले पूरा सिलेबस समाप्त कर लिया जाएगा। परीक्षा 20 नवंबर से शुरू होगी और सभी तैयारियां लगभग पूरी हैं।”
वार्षिक परीक्षा मार्च में, नया सत्र 1 अप्रैल से
विभाग ने वार्षिक परीक्षा कार्यक्रम भी तय कर दिया है।
- 6वीं से 12वीं तक की परीक्षाएं 10 से 25 मार्च तक होंगी।
- परिणाम 31 मार्च तक जारी करने का लक्ष्य रखा गया है।
- 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं 12 फरवरी से 12 मार्च तक प्रस्तावित हैं।\
- 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षाएं 20 मार्च तक पूरी की जाएंगी।
विभाग की योजना है कि 1 अप्रैल से नए सत्र 2025-26 की शुरुआत कर दी जाए।
प्रश्न-पत्र छपाई से पहले सटीक वेरिफिकेशन
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि प्रश्न-पत्र छपाई से पहले विद्यार्थियों की सटीक संख्या का सत्यापन किया जाए। हर विद्यालय को कक्षा और विषयवार विद्यार्थियों की जानकारी शाला दर्पण पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। झुंझुनूं जिले के झुंझुनूं, सूरजगढ़, नवलगढ़, बगड़, बिसाऊ, उदयपुरवाटी और मंड्रेला ब्लॉकों में यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। डीईओ कार्यालय की टीम निगरानी कर रही है ताकि परीक्षा से पहले सभी आंकड़े सटीक रूप से अपडेट हो सकें।
समान परीक्षा योजना से बढ़ी पारदर्शिता
राज्य समान परीक्षा योजना के तहत पूरे प्रदेश में एक समान प्रश्न-पत्र और मूल्यांकन प्रणाली लागू है। अब नए जिलों के गठन से यह व्यवस्था और अधिक पारदर्शी और प्रभावी हो जाएगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, इस व्यवस्था से विद्यार्थियों के प्रदर्शन का आकलन एक समान पैमाने पर किया जा सकेगा और परीक्षा परिणामों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
समय पर सत्र पूरा कराने पर फोकस
शिक्षा विभाग इस बार सत्र को समय पर पूरा कराने के लिए सख्त निगरानी रखे हुए है। मार्च तक परीक्षा और परिणाम जारी होने से विद्यालयों को 1 अप्रैल से नए सत्र की तैयारी करने का पर्याप्त समय मिलेगा। इससे शिक्षकों को विद्यार्थियों की कमजोरियों का विश्लेषण कर सुधारात्मक कदम उठाने का अवसर भी मिलेगा।
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