फर्जीवाड़ा रोकने के लिए परिवहन विभाग का ‘मास्टरस्ट्रोक:अब वाहन पंजीकरण और DL के लिए केवल ‘पंजीकृत किरायानामा’ ही मान्य
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए परिवहन विभाग का 'मास्टरस्ट्रोक:अब वाहन पंजीकरण और DL के लिए केवल 'पंजीकृत किरायानामा' ही मान्य

झुंझुनूं : परिवहन विभाग ने वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के दौरान होने वाले फर्जीवाड़े और गलत निवास प्रमाण पत्र के उपयोग पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। अब झुंझुनूं में परिवहन विभाग की सेवाओं—वाहन पंजीयन, लाइसेंस और ट्रांसफर—के लिए केवल पंजीकृत (Registered) किरायानामा को ही निवास प्रमाण पत्र के तौर पर स्वीकार किया जाएगा। अपंजीकृत या साधारण किरायानामा अब किसी भी स्थिति में मान्य नहीं होगा।
यह व्यवस्था न केवल विभागीय पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी, बल्कि उन हजारों मामलों पर भी रोक लगाएगी जहां अब तक फर्जी पते या साधारण दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से लाइसेंस और वाहन पंजीकरण करवाए जाते रहे हैं।
फर्जीवाड़ा रोकने की दिशा में अहम कानूनी बदलाव
परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के नए आदेश ‘पंजीयन अधिनियम, 1908’ में हाल ही में हुए संशोधन के बाद जारी किए गए हैं, जिसके तहत किरायानामा का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। विभाग ने साफ कर दिया है कि वाहन रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, ट्रांसफर, परमिट अथवा अन्य परिवहन सेवाओं के लिए केवल पंजीकृत किरायानामा की फोटोकॉपी ही स्वीकार की जाएगी। झुंझुनूं जिला परिवहन अधिकारी (DTO) मोनू मीणा ने बताया कि राज्य स्तर से जारी इन निर्देशों की जानकारी सभी वाहन डीलरों, एजेंटों और परिवहन कार्यालय कर्मियों को दे दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया, “किसी भी आवेदन में अपंजीकृत किरायानामा मिलने पर अब वह तुरंत रिजेक्ट किया जाएगा। इससे विभागीय फर्जीवाड़े और गलत पते पर बने लाइसेंस जैसे गंभीर मामलों पर स्थायी रोक लगेगी।”
सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होगी मकान मालिक-किरायेदार की विस्तृत जानकारी
पुरानी व्यवस्था में आवेदक किराए के मकान का साधारण किरायानामा, बिजली बिल या बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज लगाते थे, जिनकी वास्तविकता की जांच करना मुश्किल था। विभागीय जांचों में यह बार-बार सामने आया कि झुंझुनूं समेत कई जिलों में वाहन ऐसे पते पर रजिस्टर्ड थे, जो असल में मौजूद ही नहीं थे।
नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह है कि रजिस्टर्ड किरायानामा के जरिए मकान मालिक और किराएदार दोनों की विस्तृत जानकारी आधिकारिक सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगी। इससे न केवल फर्जीवाड़ा रुकेगा, बल्कि किसी भी कानूनी विवाद, दुर्घटना या अपराध की स्थिति में संबंधित व्यक्ति का सही पता (Trace) करना भी बेहद आसान हो जाएगा।
वाहन डीलरों और एजेंटों पर भी तय हुई कठोर जवाबदेही
विभाग ने अब वाहन डीलरों की जवाबदेही भी तय कर दी है। सभी डीलरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने स्तर पर पंजीकरण की प्रक्रिया में दस्तावेजों की शुद्धता की पूरी तरह से जांच करें। जिला परिवहन अधिकारी मोनू मीणा ने चेतावनी देते हुए कहा, “यदि किसी भी स्तर पर अपंजीकृत किरायानामा या फर्जी पता देकर वाहन पंजीकृत पाया गया, तो संबंधित डीलर पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह नियम का सख्ती से पालन कराया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि किरायानामा का पंजीकरण अब सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि अनिवार्य कानूनी दस्तावेज होगा।
आवेदकों को करनी होगी ‘अतिरिक्त तैयारी’
झुंझुनूं जिले में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो किराए के मकानों में रहते हैं (आरटीओ आंकड़ों के अनुसार करीब 40% आवेदक किराएदार होते हैं)। अब इन सभी को वाहन पंजीकरण या ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अपने किरायानामे को पंजीकृत करवाना होगा।
क्या करना होगा:
आवेदकों को अपने मकान मालिक के साथ उप-पंजीयक (Sub-Registrar) कार्यालय जाना होगा।
उन्हें स्टांप पेपर पर विधिवत किरायानामा तैयार करवा कर उसका पंजीकरण (Registration) कराना होगा।
पंजीकृत किरायानामा मिलने के बाद ही इसे परिवहन विभाग में निवास प्रमाण पत्र के रूप में मान्य किया जाएगा।
डिजिटल ट्रैकिंग और पुराने मामलों की जांच
झुंझुनूं परिवहन विभाग के मुताबिक, रजिस्टर्ड किरायानामा का रिकॉर्ड ऑनलाइन ई-पंजीयन सिस्टम में भी दर्ज रहेगा। इससे किसी भी पते की सत्यता की डिजिटल जांच आसानी से की जा सकेगी, और कोई भी व्यक्ति एक ही किरायानामा को कई बार उपयोग करने या फर्जी दस्तावेज पेश करने की कोशिश करेगा, तो सिस्टम उसे तुरंत पकड़ लेगा।
झुंझुनूं में विभाग पहले चरण में पिछले दो वर्षों में बने ऐसे लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की समीक्षा करेगा, जहां पते की पुष्टि संदिग्ध है या किरायानामा पंजीकृत नहीं है।