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सरकारी अधिकारी ने दुकान के बेसमेंट में किया सुसाइड:नोट में लिखा- मैं थक गया हूं, मैंने सब लौटाया,लेकिन सूदखोरों ने जीने नहीं दिया


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सरकारी अधिकारी ने दुकान के बेसमेंट में किया सुसाइड:नोट में लिखा- मैं थक गया हूं, मैंने सब लौटाया,लेकिन सूदखोरों ने जीने नहीं दिया

सरकारी अधिकारी ने दुकान के बेसमेंट में किया सुसाइड:नोट में लिखा- मैं थक गया हूं, मैंने सब लौटाया,लेकिन सूदखोरों ने जीने नहीं दिया

झुंझुनूं : झुंझुनूं में एक सरकारी अधिकारी ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। उन्होंने 4 पेज के सुसाइड नोट में सूदखोरों पर परेशान करने का आरोप लगाया है। सुसाइड नोट में अधिकारी ने लिखा- ये ब्याज पर ब्याज जोड़ते रहे और फिर भी मैं करोड़ों रुपए भरता रहा। मैं थक गया हूं, मैंने सब कुछ लौटाया, लेकिन सूदखोरों ने चैन से जीने नहीं दिया। मामला झुंझुनूं के सदर थाना इलाके के चूरू बाईपास स्थित बीरबल मार्केट का रविवार सुबह 8 बजे का है। जानकारी के अनुसार जिस दुकान में अधिकारी ने सुसाइड किया वो दुकान और उन्हीं की है।

AAO की पोस्ट पर थे, 7 लोगों के खिलाफ केस

कोतवाली थाने के एएसआई रतनलाल ने बताया- सुरेश सैन (54) महिला अधिकारिता विभाग सहायक प्रशासनिक अधिकारी थे। परिजनों की रिपोर्ट पर 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ASI ने बताया- हमें सुबह सूचना मिली थी कि बीरबल मार्केट के बेसमेंट में एक व्यक्ति ने फांसी लगा ली है। मौके पर 4 पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ। सुरेश के जीजा की शिकायत के आधार पर 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

मैं थक गया हूं, मैंने सब कुछ लौटाया…

सुसाइड नोट में सुरेश ने सात लोगों के नाम लिखे हैं- सुधीर, सुरेंद्र कुमार, ताराचंद, यूनुस, विजय कुमार और दो अन्य हैं। सुरेश ने आरोपियों को सूदखोर बताया है। इसमें लिखा है…इन लोगों से पैसे उधार लिए थे, समय पर सब चुका दिए। इसके बावजूद इन लोगों ने ब्याज पर ब्याज जोड़कर करोड़ों रुपए की मांग जारी रखी और लगातार धमकियां दीं। मैंने इनसे लिए पैसे लौटा दिए, फिर भी ये लोग मुझे कर्ज से मुक्त नहीं कर रहे। दुकान की रजिस्ट्री भी नहीं दे रहे। मुझे लगातार परेशान किया जा रहा है, जिससे अब और नहीं सह सकता।

सुरेश ने अपने परिवार से माफी मांगते हुए लिखा- मैं थक गया हूं। मैंने सब कुछ लौटाया, लेकिन सूदखोरों ने चैन से जीने नहीं दिया।

नोट में उन्होंने यह भी जिक्र किया कि जो दुकान उन्होंने गिरवी रखी थी, उसकी रजिस्ट्री लौटाने से इनकार किया जा रहा है, जबकि रकम पूरी चुका दी गई थी।

बेसमेंट में किया सुसाइड

जीजा महेंद्र कुमार ने बताया- सुरेश सैन शनिवार शाम करीब 5 बजे घर से निकले थे। उसके बाद उनका मोबाइल फोन बंद हो गया। परिजन और रिश्तेदारों ने रातभर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। रविवार सुबह उनके जीजा महेंद्र सैन ने फोन पर कई बार कॉल किया, पर जब जवाब नहीं मिला तो वे बीरबल मार्केट पहुंचे। वहां बेसमेंट में अंदर से दरवाजा बंद मिला। जब अंदर झांका तो सुरेश फांसी के फंदे से झूलते नजर आए।

बेटा भी सरकारी नौकरी में, कई महीने से परेशान थे

परिजनों ने बताया- सुरेश के परिवार में माता-पिता, पत्नी, बेटा, बेटी और पुत्रवधू हैं। बेटा निखिल सहकारिता विभाग टोंक में LDC पद पर तैनात है, पुत्रवधू कोटा में सेकेंड ग्रेड टीचर है। बेटी अविवाहित है।

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