ऑपरेशन-सिंदूर में शहीद हुए सुरेंद्र मोगा वायु-सेना मेडल से सम्मानित:वीरांगना बोलीं-सुरेंद्र हमेशा कहते थे-देश पहले बाकी सब बाद में
ऑपरेशन-सिंदूर में शहीद हुए सुरेंद्र मोगा वायु-सेना मेडल से सम्मानित:वीरांगना बोलीं-सुरेंद्र हमेशा कहते थे-देश पहले बाकी सब बाद में

झुंझुनूं : ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत ‘वायु सेना मेडल (गैलंट्री)’ से सम्मानित किया गया। 93वें वायु सेना दिवस के अवसर पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर आयोजित समारोह में भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने यह वीरता सम्मान शहीद की वीरांगना पत्नी सीमा मोगा को प्रदान किया।
सम्मान ग्रहण करते समय वीरांगना सीमा मोगा ने गर्व और भावनाओं के साथ कहा- सुरेंद्र मोगा हमेशा कहते थे- देश पहले हैं, बाकी सब बाद में। उन्होंने कहा- यह पुरस्कार मेरे पति की वीरता और त्याग का प्रतीक है।”इस सम्मान से पूरे झुंझुनूं जिले और मेहरादासी गांव में गर्व और देशभक्ति की लहर दौड़ गई है।

हिंडन एयरबेस पर वीरांगना ने ग्रहण किया सम्मान
93वें वायु सेना दिवस के भव्य समारोह में जब सार्जेंट सुरेंद्र मोगा के नाम की घोषणा की गई। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने शहीद की पत्नी सीमा मोगा को ‘वायु सेना मेडल (गैलंट्री)’ से पुरस्कृत किया।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने इस अवसर पर शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा- सार्जेंट सुरेंद्र मोगा जैसे वीर योद्धा हमारी वायु सेना की रीढ़ होते है। उनका बलिदान और समर्पण आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। ऐसे सैनिकों के कारण ही हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं और राष्ट्र का मस्तक ऊंचा है।

सम्मान ग्रहण करने के बाद वीरांगना सीमा मोगा ने गर्व के साथ कहा, “मुझे गर्व है कि मेरे पति ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए। यह क्षण सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का है।” उन्होंने यह भी बताया कि सुरेंद्र हमेशा कहते थे— ‘देश पहले, बाकी सब बाद में।’
परिवार का गौरवशाली सैन्य इतिहास
सार्जेंट सुरेंद्र मोगा का परिवार पीढ़ियों से मातृभूमि की सेवा में समर्पित रहा है। शहीद मोगा के पिता शिशुपाल मोगा केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) से सेवानिवृत्त हैं, चाचा प्यारेलाल मोगा भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं। ससुर रामनिवास मिल भी भारतीय वायु सेना से रिटायर्ड हैं। शहीद की माता ने कहा- मेरे बेटे ने वही किया जो एक सैनिक का कर्तव्य होता है। वह हमेशा कहता था कि मां का आशीर्वाद और देश की सेवा सबसे बड़ी पूंजी है।
पाकिस्तान के हवाई हमले में हुए थे शहीद
10 मई, 2025 को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर सेक्टर में पाकिस्तान के हवाई हमले में सुरेंद्र मोगा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हमले के दौरान उन्होंने अपने साथियों की जान बचाने और आवश्यक चिकित्सकीय सहायता पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। गंभीर चोटों के बावजूद वे अपने दायित्व पर डटे रहे। अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने वीरगति प्राप्त की। 12 मई 2025 को उनके पैतृक गांव मेहरादासी में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ था। वायु सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया था।

‘सुरेंद्र मोगा के नाम पर होगा स्कूल’
12 अगस्त को वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह मेहरादासी गांव में सुरेंद्र मोगा के घर पहुंचे थे। उन्होंने इस दौरान शहीद मोगा की तस्वीर पर पुष्प चढ़ाए।
उन्होंने कहा- सार्जेंट मोगा ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा की है। उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। शहीद सुरेंद्र मोगा का बैटल कैजुअल्टी सर्टिफिकेट जल्द जारी किया जाएगा। गांव के स्कूल का नामकरण सार्जेंट सुरेंद्र मोगा के नाम पर करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।