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एसएमएस अस्पताल अग्निकांड में जलालपुर के पिंटू गुर्जर की मौत, परिवार ने मुआवजे को बताया ‘ऊंट के मुंह में जीरा’


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एसएमएस अस्पताल अग्निकांड में जलालपुर के पिंटू गुर्जर की मौत, परिवार ने मुआवजे को बताया ‘ऊंट के मुंह में जीरा’

एसएमएस अस्पताल अग्निकांड में जलालपुर के पिंटू गुर्जर की मौत, परिवार ने मुआवजे को बताया ‘ऊंट के मुंह में जीरा’

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत

सीकर : जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में हुए अग्निकांड में सीकर जिले के जलालपुर निवासी पिंटू गुर्जर की दर्दनाक मौत हो गई। पिंटू परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था और उसकी मौत के बाद परिवार पर गहरा मातम छा गया। परिजन रोते हुए इस हादसे की भयानक स्थिति बयां कर रहे हैं। मृतक के मौसेरे भाई ओम प्रकाश गुर्जर ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि आग लगने के समय वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सक अपनी जगह छोड़कर भाग गए। मरीजों को भी समय पर बाहर नहीं निकाला गया। देखते ही देखते पूरा वार्ड धुएँ में घिर गया।

पिंटू के परिजन ने सरकार द्वारा घोषित मुआवजा राशि को ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ बताते हुए मांग की कि कम से कम 1 करोड़ रुपए मुआवजा और एक सरकारी नौकरी पीड़ित परिवार को दी जानी चाहिए। मृतक के पिता कानाराम गुर्जर को सूचना मिलते ही होश उड़ गया। बड़े बेटे रामेश्वर लाल ने रोते हुए भाई के जाने का दर्द व्यक्त किया और सिस्टम की खामियों पर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि एसएमएस अस्पताल में इमरजेंसी सायरन नहीं बजा, और आग बुझाने के लिए रखे सिलेंडर भी जंग लगे और खाली पड़े थे।

पिंटू अपने पिता की तीन संतान में सबसे छोटा था। गरीब परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उसने कम उम्र में पढ़ाई छोड़कर कमाई शुरू की थी। करीब 9 महीने पहले गुजरात में एक्सीडेंट होने के बाद उसका इलाज चल रहा था। पिता कानाराम गुर्जर खेती-बाड़ी करके परिवार का गुजारा करते हैं, जबकि बड़ा भाई पिंटू की पढ़ाई के साथ-साथ खेती में भी पिता का हाथ बंटाता था। इस हादसे ने परिवार पर गहरा सदमा पहुंचाया है और अस्पताल प्रशासन व राज्य सरकार के प्रति स्थानीय लोगों में भारी रोष है।

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