जसरापुर रामलीला में पाताल लीला से रावण वध और राम राजतिलक तक का भव्य मंचन, 41 फुट के रावण के पुतले का किया दहन
जसरापुर रामलीला में पाताल लीला से रावण वध और राम राजतिलक तक का भव्य मंचन, 41 फुट के रावण के पुतले का किया दहन

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : विजेन्द्र शर्मा
खेतड़ी : जसरापुर में गणेश रामलीला मंडल की ओर से अशोक सेन और मनोज शर्मा के निर्देशन में आयोजित रामलीला का समापन गुरुवार रात भव्य रूप से हुआ। मंडल अध्यक्ष शिवकुमार सुरेलिया ने बताया कि इस वर्ष का मंचन अद्भुत और प्रभावशाली रहा।
शुरुआत अहिरावण द्वारा हनुमान के पाताल लोक गमन के दृश्य से हुई। पाताल में हनुमान जी का पुत्र मकरध्वज के साथ संवाद और द्वंद्व ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद हनुमान जी देवी रूप धारण कर पाताल लोक में प्रवेश करते हैं। वहीं अहिरावण द्वारा राम और लक्ष्मण की बलि की तैयारी दिखाई गई। जैसे ही बलि का समय आया, हनुमान जी ने अहिरावण का वध कर दोनों को शिविर में सुरक्षित वापस लाया।इसके पश्चात युद्ध की तैयारी और हनुमान द्वारा रावण के यज्ञ विध्वंस का मंचन हुआ। राम और रावण के मध्य युद्ध तलवारबाज़ी, तीरंदाज़ी और प्रभावी संवादों के साथ जीवंत रूप में पेश किया गया। रावण वध के बाद राम को राजनीति और शस्त्रनीति का ज्ञान देने वाला प्रसंग भी मंचित हुआ।
रावण वध के उपरांत 41 फुट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया। आतिशबाज़ी और प्रकाश सज्जा से पूरा वातावरण रोमांचक हो उठा। ग्रामीणों ने जय श्रीराम के जयकारों के साथ उत्सव मनाया।अंतिम दृश्य में राम का अयोध्या आगमन, स्वागत और भव्य राजतिलक का मंचन किया गया। श्रद्धा, उत्साह, नाटकीयता और पारंपरिक रंगों से सजी रामलीला ने देर रात तक दर्शकों को बांधे रखा।
कार्यक्रम में झंडू राम गुर्जर, राजकुमार निर्वाण, राजेश कुमावत, अरुण शर्मा, कैलाश योगी, रघुवीर योगी, छगनलाल, डॉक्टर गिरधारीलाल पांडे, राम अवतार अग्रवाल, राकेश पांडे, अंजू पांडे, मोनू केडिया, अंकित गुप्ता, सिद्धार्थ शर्मा, राजू टेलर, प्रहलाद सिंह, रामचंद्र गुर्जर, सतपाल छावड़ी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे। मंचन के अंत में सभी कलाकारों को सम्मान स्वरूप दीवार घड़ी और मेडल प्रदान किए गए।