खाटूधाम में दो दिवसीय आयुर्वेद कार्यशाला का शुभारंभ, नाड़ी विज्ञान पर मिला विशेष जोर
खाटूधाम में दो दिवसीय आयुर्वेद कार्यशाला का शुभारंभ, नाड़ी विज्ञान पर मिला विशेष जोर

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नैना शेखावत
खाटूश्यामजी : खाटूश्यामजी कस्बे में विश्व आयुर्वेद परिषद राजस्थान के तत्वावधान में द्वारकेश धर्मशाला में आयुर्वेद की दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर प्रदीप प्रजापति उपस्थित रहे। जबकि श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह चौहान विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. गोविंद सहाय शुक्ल ने की।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जयपुर महानगर सेवा प्रमुख राजेंद्र धर्मगुरु, बोर्ड ऑफ इंडियन मेडिसिन राजस्थान के रजिस्ट्रार डॉ. सीताराम शर्मा, परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार शर्मा, आरएसएस प्रांत घोष प्रमुख मनोज कुमार और राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय सीकर के प्राचार्य महेंद्र कुमार सौरठा सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
देशभर से लगभग 400 आयुर्वेद वैद्य इस कार्यशाला में भाग ले रहे हैं। साथ ही आरोग्य प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है, जिसमें आयुर्वेदिक उत्पादों और उपचार पद्धतियों की जानकारी दी जा रही है। आयोजन समिति के सहसचिव डॉ. बी.एल. बराला और संयुक्त सचिव डॉ. रामावतार शर्मा ने अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के प्रसिद्ध नाड़ी वैद्य डॉ. विनायक तायड़े ने नाड़ी परीक्षण की महत्ता पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नाड़ी विज्ञान से अनेक बीमारियों का समय रहते निदान संभव है। आगामी सत्रों में विभिन्न विशेषज्ञ आयुर्वेद चिकित्सा के आधुनिक प्रयोगों, उपचार पद्धतियों और अनुसंधान पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद चिकित्सा को आमजन तक पहुंचाना और इसे आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ सशक्त रूप से प्रस्तुत करना है।