[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

बंदरों का आतंक, एक महीने में 20 से ज्यादा घटना:पलसाना में कपड़े धो रही महिला को काटा, घर में घुसकर भी हमला करते


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़राजस्थानराज्यसीकर

बंदरों का आतंक, एक महीने में 20 से ज्यादा घटना:पलसाना में कपड़े धो रही महिला को काटा, घर में घुसकर भी हमला करते

बंदरों का आतंक, एक महीने में 20 से ज्यादा घटना:पलसाना में कपड़े धो रही महिला को काटा, घर में घुसकर भी हमला करते

सीकर : सीकर जिले के पलसाना और आस-पास के इलाकों में बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। बंदरों का आतंक इस कदर है कि लोग घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। पलसाना में आज सुबह कपड़े धोते समय बंदरों ने एक महिला पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गई। महिला को पलसाना के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, इलाज चल रहा है। पिछले एक महीने में बंदरों ने करीब एक दर्जन लोगों को काटकर घायल किया है, जिसमें स्कूली बच्चे और स्थानीय लोग शामिल हैं।

बंदरों के हमले के बाद महिला घायल हो गई, जिसका पलसाना के सरकारी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
बंदरों के हमले के बाद महिला घायल हो गई, जिसका पलसाना के सरकारी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों की संख्या 20 से ज्यादा हो चुकी है। यह दिन-ब-दिन बढ़ रही है। बंदर झुंड में घरों में घुसकर महिलाओं पर हमला करते हैं, सामान तोड़ते हैं और खाद्य पदार्थ छीन लेते हैं। स्थानीय निवासी रामचन्द्र कुमावत ने बताया कि कुछ दिन पहले बंदरों ने उनके बेटे दक्ष को काटकर घायल किया और उनकी पत्नी का मोबाइल छीन लिया। बंदरों के डर से बच्चे घर के बाहर अकेले खेल भी नहीं पाते।

बंदरों ने कई दिन पहले पलसाना में एक बच्चे पर भी हमला कर दिया था।
बंदरों ने कई दिन पहले पलसाना में एक बच्चे पर भी हमला कर दिया था।

रामचन्द्र ने बताया कि पिछले 2-3 महीनों से बंदरों का आतंक बढ़ गया है। रात के समय ये बंदर गार्डन, बड़े पेड़ों और पुराने मकानों के आस-पास डेरा जमाते हैं। आस-पास के कॉलेज और स्कूलों में भी बंदरों का खतरा बना हुआ है, जिससे छात्र-छात्राओं और शिक्षकों में डर का माहौल है। लोग प्रशासन और वन विभाग से बंदरों को पकड़ने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो बंदरों का आतंक और बढ़ सकता है।

पलसाना में घर की दीवार पर बैठा एक बंदर।
पलसाना में घर की दीवार पर बैठा एक बंदर।

Related Articles