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पंद्रह दिन से भरा बरसाती पानी, लोग घर छोड़ रहे:मकानों में दरारें आने लगी, हर पल गिरने का डर, लोगों ने कहा- श्राद्ध तक नहीं निकाल पा रहे


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पंद्रह दिन से भरा बरसाती पानी, लोग घर छोड़ रहे:मकानों में दरारें आने लगी, हर पल गिरने का डर, लोगों ने कहा- श्राद्ध तक नहीं निकाल पा रहे

पंद्रह दिन से भरा बरसाती पानी, लोग घर छोड़ रहे:मकानों में दरारें आने लगी, हर पल गिरने का डर, लोगों ने कहा- श्राद्ध तक नहीं निकाल पा रहे

सुजानगढ़ : एक पखवाड़ा हो गया। हमारे घरों के सामने चार-चार फीट पानी भरा है। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग तो घर से बाहर ही नहीं निकल सकते। पानी सड़ने लगा है और उससे ऐसी बदबू आने लगी है कि सांस भी लेना मुश्किल हो गया है। कोई सुनवाई नहीं कर रहा। ये हालात है चूरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे के। यहां के कई इलाकों में पिछले 15 दिन से छह हजार से भी अधिक आबादी पानी से घिरी है।

मीडिया की टीम इन इलाकों में पहुंची। नया बास, घोसी मोहल्ला और शिव बाड़ी रोड ऐसे इलाके हैं, जहां पानी भरा है। इन इलाकों के लोगों ने हमें बताया- घरों में बने पानी के टांकों में भी गंदा पानी भर गया है। पीने के लिए साफ पानी नहीं है। मकानों में दरारें आने लगी हैं। ये कब गिर जाएं, पता नहीं। इसलिए कुछ तो परेशान होकर घरों को सूना छोड़ रिश्तेदारों के यहां चले गए।

जाजोदिया स्कूल और पशु अस्पताल में कमर तक पानी भर गया। स्कूल स्टाफ ने जरूरी सामान को स्कूल से बाहर निकाला।
जाजोदिया स्कूल और पशु अस्पताल में कमर तक पानी भर गया। स्कूल स्टाफ ने जरूरी सामान को स्कूल से बाहर निकाला।

हर तरफ पानी, वीरान नजर आया पूरा इलाका

मीडिया टीम जब यहां पहुंची तो सड़क पर कमर तक पानी भरा हुआ था। इस बीच वहां से ट्रैक्टर ले जा रहे ड्राइवर रणवीर ने ट्रैक्टर रोका और कहा कि आपको आगे तक छोड़ दूं। इसके बाद हम ट्रॉली में बैठ गए। पूरे रास्ते हमें सड़क पर पानी ही पानी भरा नजर आया। रास्ते में राजकीय जाजोदिया स्कूल में हम उतर गए। पूरा स्कूल पानी में डूबा हुआ था। पास में ही स्थित पशु अस्पताल, पार्क का इलाका सब तरफ पानी ही पानी था।

बालिका स्कूल में बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की-प्रिंसिपल

जाजोदिया स्कूल प्रिंसिपल कमलेश कुमार ने बताया-22 अगस्त से ही स्कूल में पानी भरा हुआ है। स्कूल आने-जाने का कोई रास्ता नहीं बचा है। हम नगर परिषद, एसडीएम, सीबीईओ, डीईओ को इसके बारे में बता चुके है। 24 अगस्त को डीईओ को वैकल्पिक भवन के लिए लिखा था। जिसके बाद नया बास स्थित राजकीय झंवर बालिका स्कूल में बच्चों को दूसरी पारी में पढ़ने की व्यवस्था की है। जरूरी सामान हमने पहले ही स्कूल से निकाल लिया है।

स्कूल से निकलने के दौरान वहां से निकल रहे सामाजिक कार्यकर्ता महावीर पोसवाल से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया-सुजानगढ़ के इस इलाके में सबसे ज्यादा सरकारी भवन है। यहां कॉलेज, स्कूल, जनाना हॉस्पिटल, पशु हॉस्पिटल, गौशाला, सिटी पार्क है। सभी भवनों में पानी भरा हुआ है। ये पूरा इलाका लगभग वीरान हो गया है। पानी से बदबू आने लगी है। पानी भरने से इन इमारतों के गिरने का खतरा पैदा हो गया है।

रईसा ने बताया उसके घर के बाहर पानी भरा हुआ है। बच्चे और बड़े बाहर नहीं जा पा रहे हैं।
रईसा ने बताया उसके घर के बाहर पानी भरा हुआ है। बच्चे और बड़े बाहर नहीं जा पा रहे हैं।

काम पर नहीं जा पा रहे लोग

स्कूल से हम वार्ड 31 के नया बास रोड पहुंचे। पूरी कॉलोनी में घरों के आगे पानी भरा हुआ था। हमें देखकर कुछ लोग घरों से बाहर बनाए गए चबूतरे पर आ गए। महिला रईसा ने बताया-15-20 दिन से यही हालत है। घरों में पानी भर गया। बड़े काम पर और बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। खाने-पीने की भी समस्या बनी हुई है। लोगों के बीमार होने का खतरा बना हुआ है, लेकिन अभी तक मेडिकल की कोई टीम यहां नहीं आई है।

24 अगस्त को बरसा था 180 मिमी पानी

इसी वार्ड में रहने वाले नर्सिंग ऑफिसर महेश ओझा ने बताया-24 अगस्त को सुजानगढ़ में भारी बारिश हुई थी। लगभग 180 मिमी पानी बरसा था। उस दिन से निचली बस्तियों में 4-5 फीट पानी भरा हुआ है। हमारे घर के अंदर भी 3 फीट पानी भर गया था। प्रशासन की सहायता से पानी निकाला जा रहा है, लेकिन कई गलियों में अभी भी दो फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है। लोगों को काफी नुकसान हुआ है। घरों में दरारें आ गई है। घरों के अंदर पानी की कुईं और गटर के कुंड मिल गए हैं। मेरे घर के तलघर में भी पानी भर गया है। कुईं धंस गई है। मकानों में दरारें आई है। महेश ने बताया-हमारे मोहल्ले में 150 घर इससे प्रभावित हुए है। 50-60 मकान मालिकों को तो लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।

घर के बाहर और अंदर बनी कुई में गंदा पानी भर गया।
घर के बाहर और अंदर बनी कुई में गंदा पानी भर गया।

पानी निकासी में भी राजनीति का आरोप

नया बास रोड पर ही रहने वाले बनवारी लाल भार्गव ने बताया-हमारे मोहल्ले की जो दुर्गति हुई है, उसका कारण कहीं ना कहीं राजनीति भी रही है। पानी की निकासी के लिए जो मशीनें आई थी, उसमें भी राजनीति हुई है। 17 दिन हो गए हैं, अभी तक पानी नहीं निकला है, इसमें किसकी गलती है?

बच्चे और लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। घरों में रह रहे लोग बीमार हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं की गई है। नगर परिषद की तरफ से खाना जरूर पहुंचाया जा रहा है।

करंट से एक व्यक्ति की हो चुकी मौत

नया बास निवासी महेश मूंदड़ा ने बताया-पूरे सुजानगढ़ में बारिश से हालात खराब है। माताजी की गली में एक व्यक्ति की करंट लगने से मौत हो गई थी। दाह संस्कार के लिए देह को ट्रैक्टर में लाना पड़ा था। पितृ पक्ष आ गए हैं, लेकिन हम कर्म नहीं कर पा रहे हैं। प्रशासन को कितने ही फोन कर दिए, लेकिन अधिकारी फोन नहीं उठाते। प्रशासन के लोग अपनी जगह सब कुछ करवा रहे हैं, लेकिन हमारी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

शिव बाड़ी रोड पर पानी घर के अंदर ना जाए, इसलिए बुजुर्ग ने गेट पर मिट्टी के कट्टे रख दिए।
शिव बाड़ी रोड पर पानी घर के अंदर ना जाए, इसलिए बुजुर्ग ने गेट पर मिट्टी के कट्टे रख दिए।

दो सप्ताह से लोग मस्जिद में जुम्मे की नमाज पढ़ने नहीं जा पा रहे

वहीं घोसी मोहल्ला निवासी अब्दुल अजीज ने बताया-श्मशान घाट एरिया में 15 दिन से पानी भरा हुआ है। प्रशासन ने चार-चार इंच के पीटीओ लगा रखे है, लेकिन उससे पानी पता नहीं कब तक निकलेगा। प्रशासन अगर बड़ी मोटर लगाता तो 4-5 दिन में ये पानी निकल जाता। श्मशान घाट से इस दौरान 7-8 शवयात्रा निकली है। पानी के बीच से शवों को लेकर जाना पड़ा। पास में एक मस्जिद है, दो जुम्मे हो गए, लेकिन पानी के कारण कोई भी नमाज पढ़ने नहीं जा पा रहा है।

दिव्यांग राजू प्रजापत ने बताया-पानी भरा होने से ट्राई-साइकिल को लाने-ले जाने में परेशानी होती है।
दिव्यांग राजू प्रजापत ने बताया-पानी भरा होने से ट्राई-साइकिल को लाने-ले जाने में परेशानी होती है।

प्रशासन की चूक के कारण ये हालात बने

शिव बाड़ी रोड पर रहने वाले नेमीचंद प्रजापत ने बताया-पहले नाथो का तालाब के चारों तरफ खाली एरिया बहुत था। नया बास और मोहल्लों का पानी तालाब भरने के बाद चारों तरफ फेल जाता था। ग्रीन स्पेस पार्क बनने से तालाब का खाली एरिया कवर हो गया। जिससे पानी स्टोर होने के लिए जगह नहीं रही। चारों तरफ चारदीवारी बनने से भी पानी का बहाव रुक गया है। पानी निकालने के लिए यहां लगे पंप सेट अगर शुरू से चालू रहते तो तालाब के पानी को दूसरे ताल में भेजा जा सकता था और यहां इतना पानी इकट्ठा नहीं होता। प्रशासन की चूक के कारण यहां ये हालात बने है।

पानी निकासी के लिए हाई पावर मोटर चालू

नगर परिषद एईएन चारवी ने बताया कि नाथो तालाब पर बने पंपसेट में हाई पावर मोटर चालू है। इसके अलावा एक सबमर्सिबल और चार पीटीओ लगातार चल रहे हैं। अन्य इलाकों में हमें व्यवस्था करनी होती है, यहां पर व्यवस्था में कोई कमी नहीं है।

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