नरेश मीणा बोले- जेल में बंद था, गुढ़ा मिलने आए:कहा- गांधीवादी तरीकों से काम नहीं चलता, बल्कि भगत सिंह की विचारधारा अपनानी पड़ती है
नरेश मीणा बोले- जेल में बंद था, गुढ़ा मिलने आए:कहा- गांधीवादी तरीकों से काम नहीं चलता, बल्कि भगत सिंह की विचारधारा अपनानी पड़ती है

गुढ़ागौड़जी : नरेश मीणा ने कहा- वे व्यक्तिगत तौर पर गुढ़ा परिवार का आभार व्यक्त करने झुंझुनूं आए हैं। उन्होंने उस वक्त को याद किया जब वे एक आंदोलन के दौरान टोंक जेल में बंद थे और राजेंद्र गुढ़ा बिना बुलाए उनसे मिलने पहुंचे थे। मीणा ने इस मुलाकात को राजनीतिक रिश्ते से ऊपर मानवीय संवेदना का रिश्ता बताया।
उन्होंने मौजूदा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज राजस्थान की हालत बेहद खराब है। सरकार केवल ‘जी-हुजूरी’ चाहती है और जो नेता जनता की आवाज उठाते हैं, उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल में डाल दिया जाता है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे भी आठ महीने जेल में रहे, लेकिन वे न तो कभी झुके और न ही डरेंगे। मीणा ने स्पष्ट कहा कि सत्ता केवल उन्हीं की सुरक्षा करती है जो बंद कमरों में समझौते करते हैं। नरेश मीणा झुंझुनूं में एक क्रिकेट टूर्नामेंट और राजेंद्र गुढ़ा के बेटे शिवम गुढ़ा के जन्मदिन पर आए थे।
कांग्रेस से नाराजगी और आदिवासी समाज का अपमान
नरेश मीणा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सालों तक पार्टी के लिए काम किया, झंडे उठाए और पार्टी को जिंदा रखा, लेकिन 2018, 2023 और 2024 में उन्हें लगातार टिकट से वंचित रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आदिवासी और मीणा समाज के साथ अन्याय किया, जबकि यही समाज पार्टी का मजबूत स्तंभ रहा है। उन्होंने दावा किया कि जब उन्होंने चुनाव लड़ा तो कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई, जो जनता का पार्टी को करारा जवाब था।
क्रांति का आह्वान और युवाओं को संदेश
मीणा ने जनता से अपील करते हुए कहा कि अब चुप रहने का समय नहीं है, अन्याय का मुकाबला करने के लिए सड़कों पर उतरना होगा। उन्होंने युवाओं को क्रांति की शुरुआत करने का आह्वान करते हुए कहा कि अगर बदलाव कोई ला सकता है, तो वह केवल युवा ही हैं। उन्होंने नेपाल और बांग्लादेश में हुई क्रांतियों का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर सत्ता तानाशाही करेगी, तो भारत में भी क्रांति अपरिहार्य होगी।

भगत सिंह की विचारधारा अपनानी पड़ती है
जब अत्याचार हद से बढ़ जाए, तो गांधीवादी तरीकों से काम नहीं चलता, बल्कि भगत सिंह की विचारधारा अपनानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि आज देश और प्रदेश में स्वाभिमान मर चुका है। हर घर में भगत सिंह और महाराणा प्रताप जैसे योद्धा पैदा होंगे, तभी भारत का भला होगा।
मीणा ने कहा कि अगर वे इस बार विधानसभा पहुंचे तो अपनी एक नई छाप छोड़ेंगे, जैसे उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में बनाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि आज 200 विधायकों में मुश्किल से 5-10 ही पढ़े-लिखे और जनता की लड़ाई लड़ने वाले हैं।
झालावाड़ हादसा और खोखला राष्ट्रवाद
मीणा ने झालावाड़ स्कूल भवन हादसे का जिक्र करते हुए इसे ‘संस्थागत भ्रष्टाचार’ का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि कमजोर भवन के कारण निर्दोष बच्चों की जान गई। उन्होंने शांतिपूर्ण धरना देने के बावजूद उन्हें जेल भेजने के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने देशभक्ति और राष्ट्रवाद पर हो रही राजनीति पर भी सवाल उठाए। मीणा ने कहा कि भारत माता को कमजोर करने वाले नारे लगाए जा रहे हैं, जिसे राष्ट्रवाद का नाम दिया जा रहा है। उन्होंने जनता को इस दिखावटी राजनीति को समझने की सलाह दी।