आत्महत्या कोई समाधान नहीं है
आत्महत्या कोई समाधान नहीं है

आत्महत्या कोई समाधान नहीं है : जीवन में कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ आना स्वाभाविक है। कभी आर्थिक परेशानी, कभी पारिवारिक कलह, कभी असफलता या अकेलापन हमें तोड़ने लगता है। ऐसे समय में कुछ लोग यह सोच बैठते हैं कि आत्महत्या ही सबसे आसान रास्ता है। लेकिन सच्चाई यह है कि आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। यह एक स्थायी कदम है, जो अस्थायी मुश्किलों के कारण उठाया जाता है।
जब कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है, तो उसके साथ केवल एक जीवन ही खत्म नहीं होता, बल्कि उसका परिवार, दोस्त और पूरा समुदाय गहरे दर्द से गुजरता है। पीछे रह जाने वालों के लिए यह दुख, अपराधबोध और सवालों का सिलसिला छोड़ जाता है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि आत्महत्या से समस्या खत्म नहीं होती, बल्कि और जटिल हो जाती है।
हर मुश्किल का हल संभव है, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न लगे। सही समय पर मदद और सहारा मिलने से सबसे अंधेरे दौर में भी उम्मीद की किरण दिखाई दे सकती है। जैसे एक अंधेरे कमरे में दीया जलाने से रोशनी फैल जाती है, वैसे ही किसी का साथ, सही सलाह और धैर्य से जीवन फिर से पटरी पर आ सकता है।
यदि आपको कभी लगे कि जीवन जीने लायक नहीं है, तो याद रखें – मदद माँगना कमजोरी नहीं, बल्कि हिम्मत है। अपने भरोसेमंद दोस्त, परिवार या किसी शिक्षक, परामर्शदाता से खुलकर बात करें। आजकल हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध हैं जहाँ गुमनाम रहकर भी सहायता ली जा सकती है।
हमें समाज के तौर पर भी यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि हम आत्महत्या को “कमज़ोरी” या “पाप” कहकर बात को टालें नहीं। बल्कि हमें ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहाँ लोग अपने दुख-दर्द पर खुलकर बातचीत कर सकें, और समय रहते मदद पा सकें।
जीवन अनमोल है। जितनी बड़ी समस्या लगती है, वह समय और समर्थन से छोटी हो सकती है। याद रखें – आत्महत्या अंत नहीं, बल्कि जीवन को समझने और सुधारने का एक अवसर हो सकता है, बशर्ते हम मदद लें और दें।
अगर आप या आपका कोई जानने वाला आत्महत्या के विचारों से जूझ रहा है, तो कृपया जान लें कि मदद उपलब्ध है। आप सरकारी हेल्पलाइन ‘किरण’ को 1800-599-0019 पर संपर्क कर सकते हैं या और जानकारी व संसाधन पाने के लिए कंगारू माइंड्स के सोशल मीडिया या वेबसाइट देख सकते हैं।
डॉ वेदिका पोदार, मानसिक स्वास्थ्य अधिवक्ता, कंगारू माइंड्स की संस्थापक और आनंदीलाल पोदार ट्रस्ट (नवलगढ़) की ट्रस्टी हैं।