नाबालिग से रेप के दोषी को 20 साल की जेल:कोर्ट ने कहा- एक कोमल फूल असमय मुरझा गया; हत्या साबित नहीं हो सकी, सुसाइड माना
नाबालिग से रेप के दोषी को 20 साल की जेल:कोर्ट ने कहा- एक कोमल फूल असमय मुरझा गया; हत्या साबित नहीं हो सकी, सुसाइड माना
सीकर : सीकर की पॉक्सो कोर्ट संख्या 2 ने एक नाबालिग से रेप केस में मुख्य आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने इस अपराध में दोषी का सहयोग करने वाले 2 अन्य लोगों को भी 3-3 साल के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। दोषी पर नाबालिग से रेप के बाद हत्या का भी आरोप था, लेकिन एविडेंस में यह साबित नहीं हो सका, इसलिए कोर्ट ने इसे सुसाइड माना।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा- “यह एक ऐसी अबोध बालिका की कहानी है जो अपनी पीड़ा किसी को बता नहीं पाई और उसकी जीवन यात्रा असमय ही समाप्त हो गई। मानो एक कोमल पुष्प असमय ही मुरझा गया। काश वह बालिका अपनी पीड़ा किसी से साझा कर पाती। काश उसके माता-पिता उसे भावनात्मक संबल प्रदान कर उसे सुरक्षित रखने में और दुष्चक्र से बच निकलने में उसकी मदद कर पाते। काश परिवार अथवा समाज उसकी आवाज बन पाता तो एक पुष्प विकसित होने से पहले असमय नहीं मुरझाता।”
अब 3 पॉइंट में समझिए पूरा मामला…
1. 2020 में रेलवे ट्रैक के पास मिला था शव सरकारी वकील (लोक अभियोजक) नागरमल कुमावत ने बताया – मामला साल 2020 का है। सीकर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता की मां ने तत्कालीन एसपी को रिपोर्ट दी थी कि उनकी 15 साल की नाबालिग बेटी के साथ महावीर, अरुण, नरेश और एक नाबालिग ने मिलकर गैंगरेप किया।
गैंगरेप करने के बाद इन लोगों ने उसका मर्डर कर दिया। मर्डर करने के बाद उनकी बेटी के शव को रेलवे ट्रैक के पास फेंककर चले गए। उसके शरीर पर मारपीट के निशान थे और कोई भी कपड़ा नहीं था।
बेटी 10वीं क्लास में पढ़ती थी, जिसे आरोपी स्कूल के रास्ते में आते-जाते छेड़ते थे। यह बात पीड़िता ने अपनी मां को बताई थी। जब इस बारे में पीड़िता की मां ने आरोपियों को कहा तो उन्होंने उसे भी जान से मारने की धमकी दी।
2. आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश हुआ एसपी को दी रिपोर्ट के आधार पर सीकर के श्रीमाधोपुर थाने में मामला दर्ज हुआ। मामले में पुलिस ने 3 आरोपी अरुण कुमार, महावीर, नरसी उर्फ नरेश को गिरफ्तार किया। साथ ही मामले में शामिल नाबालिग को निरुद्ध किया। पुलिस जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी अरुण ने पीड़िता के साथ रेप किया और अन्य आरोपियों ने उसका सहयोग किया। आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश हुआ।
3. मुख्य आरोपी को 20 साल की सजा, परिजनों को मुआवजा एविडेंस में यह साबित नहीं हो सका कि नाबालिग का मर्डर हुआ। ऐसे में कोर्ट ने इसे सुसाइड माना। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले में 31 गवाह और 37 दस्तावेजी सबूत पेश किए। अब कोर्ट ने दोषी अरुण कुमार को 20 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई।
वहीं उसके सहयोगी महावीर और नरसी उर्फ नरेश को 3-3 साल के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के माता-पिता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत 5 लाख रुपए दिलवाने की अनुशंसा की है। पीड़ित पक्ष की तरफ से एडवोकेट अभिषेक माथुर और विनोद मीणा ने पैरवी की