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पिलानी में प्रशासन ने उजाड़ा गरीब का आशियाना, आखिर इसका जिम्मेदार कौन?


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पिलानी में प्रशासन ने उजाड़ा गरीब का आशियाना, आखिर इसका जिम्मेदार कौन?

पिलानी में प्रशासन ने उजाड़ा गरीब का आशियाना, आखिर इसका जिम्मेदार कौन?

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : निरंजन सैन

पिलानी : पिलानी के धींधवा आथूणा गांव में 29 अगस्त को हुई प्रशासनिक कार्रवाई ने दो गरीब परिवारों की जिंदगी को अंधेरे में धकेल दिया। आरोप है कि बिना किसी पूर्व सूचना और आदेश के जेसीबी चलाकर दो पक्के मकान और दुकानें तोड़ दी गईं। इस कार्रवाई से एक परिवार का घर उजड़ गया तो दूसरे का रोज़गार का सहारा छिन गया। पीड़ित परिवारों ने नायब तहसीलदार सहित उच्च अधिकारियो पर तानाशाही, जातिगत पक्षपात और प्रभावशाली लोगों के दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।

इस कार्रवाई में ईट भट्ठे पर मजदूरी कर परिवार चलाने वाली सुनीता देवी का घर ढहा दिया गया। सुनीता देवी ने बताया कि जब वह परिवार समेत ईंट-भट्टे पर मजदूरी कर रही थीं, तभी खबर मिली कि उनका घर तोड़ा जा रहा है। घर पहुंचने पर उनकी आँखों में सिर्फ पानी था, घर का चूल्हा, बर्तन, और यहाँ तक की सोने लें लिए रखा बिस्तर भी मालबे में दबा दिया गया ।

इधर पीड़ित विकास कुमार ने बताया कि उनके पिता रमेश कुमार ने 2024 में एक भूखंड खरीदा था। पिता के निधन के बाद उसी पर उन्होंने ऋण लेकर दो पक्की दुकानें बनवाईं। लेकिन 29 अगस्त को प्रशासन ने बिना किसी आदेश के उनकी दुकानें ढहा दीं।

खातेदार रोहितास ने बताया की नायब तहसीलदार हरीश यादव को हमने इसपर स्टे होने की बात कही थी लेकिन उन्होंने देखने से इनकार कर दिया और बोले इसे तहसील में दर्ज करवाओ, वहीं रोहिताश के वकील गोरधन ने बताया की मामला कोर्ट में था जिसकी सुनवाई 5/8/2025 को होनी थी. परन्तु प्रतिवादी रोहितास को बिना सुचना के कोर्ट ने परिवादी के एक प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख से पहले ही बिना प्रतिवादी की मौजूदगी के फ़ौसला सुना दिया गया. और तहसीलदार को भूखंड पर कार्यवाही करने के आदेश दिए थे। जिसकी सुचना रोहिताश को 22/8/2025 को मिली तो 23 व 24 को कोर्ट अवकाश होने के चलते 26/8 2205 को बिना सुनवाई व तारीख पेशी से पहले ही फैसला देने के खिलाफ प्रार्थना पत्र लगाया और पूर्व के फैसलें पर स्टे की मांग की थी ,जिसको स्वीकार कर लिया गया और नया आदेश दिया की पूर्व में दिए आदेश स्थगित किए जाते हैं जिसकी सुचना तहसीलदार को जारी की जाए. इस मामले में स्टे कॉ पी रोहिताश को 28.8.2025 को शाम 5 बजे के आसपास मिली,

एडवोकेट गोरधन ने बताया की 29.8.2025 को नायब तहसीलदार ने पुराने ऑर्डर के अनुसार कार्यवाही कर मकान को तोड़ दिया, रोहितास ने कहा था की हमारे पास स्टे हैं जिसपर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा की नायब तहसीलदार ने देखने से इनकार करते हुए कहा की इसको तहसील मै दर्ज करवाओ…

वहीं इस पुरे मामले में नायब तहसीलदार ने कहा की हमें उच्चअधिकारियो से जो लिखित आदेश मिला था उसी पर कार्यवाही हुई हैं.. हमें किसी प्रकार का कार्यवाही के समय स्टे ऑर्डर नहीँ दिखाया, जब स्टे ऑर्डर उन्होंने दिखाया तब कार्यवाही हमने वही पर रोक दी थी।

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