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अपनी संस्कृति व सांगोपांग लोक कला राजस्थान का गर्व है : राजवीर सिंह चलकोई


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अपनी संस्कृति व सांगोपांग लोक कला राजस्थान का गर्व है : राजवीर सिंह चलकोई

अपनी संस्कृति व सांगोपांग लोक कला राजस्थान का गर्व है : राजवीर सिंह चलकोई

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान

चूरू : जिला मुख्यालय पर राष्ट्रीय संस्थान नगर श्री प्रांगण में राजस्थान कला संस्कृति एवं विरासत संरक्षण अभियान द्वारा घुमंतू एवं अर्ध घुमंतु दिवस पर राज्य की भोपा जाति के सुरीले साज “रावण हत्था“ की मनमोहक प्रस्तुति के साथ भव्य सांस्कृतिक आयोजन हुआ।पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर कमल सिंह कोठारी की अध्यक्षता वाले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि युवा आईकॉन राजवीर सिंह चलकोई, मुख्य वक्ता इंटेक शेखावाटी चेप्टर की कँनविनीयर डॉक्टर श्रुति नाद एवं विशिष्ट अतिथि बिड़ला सार्वजनिक हॉस्पिटल पिलानी के निदेशक मधुसूदन मालानी व राजस्थान कला संस्कृति एवं विरासत सरक्षण अभियान के प्रदेश संयोजक नितिन बजाज मचस्थ रहे।

कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण 40 देशों में रावण हत्था वाद्य यंत्र कला को बढ़ावा देने वाले अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार कीकरलाल भोपा ग्रुप ने जब रावण हत्या की धुन पर तालरिया मगरिया रे…, हरिराम जी नै ध्यावै बांका दुखड़ा मिट ज्यावै…, केशरो नागण को जायो …, गीत के साथ रावण हत्था की धुन बजाई तो राजस्थान की लोक कला, साकार हो उठी और दर्शक झूमने लगे। कार्यक्रम के संयोजक नितिन बजाज ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि राजस्थान की विरासत की जानकारी देने के लिए ये आयोजन किया गया है।इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजवीर सिंह चल कोई ने कहा की राजस्थान की संस्कृति व रीति रिवाज समृद्ध है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार कमल सिंह कोठारी ने कहा कि राजस्थान की संस्कृति को बचाने में इन लोक कलाकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।

मुख्य वक्ता डॉ श्रुति नाद ने अपने विचार रखते हुए कहा की राजस्थान कला संस्कृति एवं विरासत संरक्षण अभियान के द्वारा यह जो कार्यक्रम किया गया है इसके लिए सभी को साधुवाद। दीया।डॉ मधुसूदन मालानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से आने वाली युवा पीढी‌ राजस्थानी परंपरा का ज्ञान होता है।कार्यक्रम का संचालन गुरुदास भारती व रवि दाधीच ने किया। आयोजन समिति के संयोजक राहुल शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर राजीव बहड़, राहुल शर्मा, रामरतन बजाज, आशा कोठारी, काव्या, प्रभा, राजेश महनसर, डॉ श्यामसुन्दर शर्मा, डॉ प्रमोद बाजोरिया, महेश बावलिया हरिमोहन दाधीच, बाबू पाटील, डॉ मोतीलाल सोनी, हर्ष बजाज, नरेन्द्र राठौड़, सौरभ सिंह, आशीष माटोलिया, कुलदीप जारावत, गौतम सारस्वत, मदन पंवार, अजय नायक, मोहित सिगानियां, रावतसिंह चौहान, मोहित इन्दोरिया, तिलोक औझा, दिपक गुर्जर, दिव्यांस जांगिड़, मयंक जालाण, पंकज शर्मा, अमित खारिया, दिव्यासू सैनी, रौनक गुर्जर, डॉ पार्थ शर्मा, डॉ रामानंद शर्मा, सुमित बोहित, गजानंद गौड़, हरिश शर्मा, विकास हिमांशू, सौरभ राजपुरोहित, मेघराज बजाज, कुलदीप जरगावत, आदित्य सिंह एडवोकेट, आन्नद बालाण सहित सैकड़ो की संख्या में सहित अनेक कला प्रेमी उपस्थित रहे।

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