25 कुत्तों को गोली मारने वाले का स्वागत, लड्डू बांटे:ग्रामीणों ने डीजे बजाया, माला पहनाकर गांव में रैली निकाली; जमानत पर बाहर आया
25 कुत्तों को गोली मारने वाले का स्वागत, लड्डू बांटे:ग्रामीणों ने डीजे बजाया, माला पहनाकर गांव में रैली निकाली; जमानत पर बाहर आया

झुंझुनूं : झुंझुनूं में हाथ में बंदूक लेकर दौड़ा-दौड़ा कर 25 कुत्तों को गोली मारने वाले व्यक्ति की जमानत हुई तो गांव में जश्न मनाया गया। ग्रामीणों ने डीजे बजाया, उसे माला पहनाई और पिकअप में बैठाकर पूरे गांव में रैली निकाली। इस दौरान ग्रामीणों ने बस स्टैंड से गुजर रही बस को रुकवाया और उसमें बैठे यात्रियों को लड्डू बांटे। कुत्तों को गोली मारने वाले व्यक्ति को जब गांव में घुमाया गया तो वह हाथ जोड़कर उसके इस स्वागत सत्कार के लिए लोगों का अभिवादन करता रहा।
स्वागत सत्कार का वीडियो सामने आने के बाद पशु प्रेमियों ने सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। लोगों ने इसे अपराध का महिमामंडन बताया। एक यूजर ने लिखा- आज कुत्तों का कातिल सेलिब्रिटी है, कल इंसानों का हत्यारा भी ऐसे ही सम्मानित होगा?, वहीं दूसरे ने लिखा- यह समाज के लिए खतरनाक मानसिकता है, अपराधियों को हीरो बनाना गलत संदेश देता है।
तस्वीरों में देखिए जेल से बाहर आने के बाद कैसे हुआ स्वागत…



पशु प्रेमियों का गुस्सा
झुंझुनूं और आसपास के इलाकों में काम कर रहे पशु प्रेमी संगठनों ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है- सरकार जहां पशु संरक्षण पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं ग्रामीणों का यह रवैया बेहद निंदनीय है। पशु क्रूरता अधिनियम 1960 और आईपीसी की धारा 429 के तहत जानवरों की हत्या करना गंभीर अपराध है, जिसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है। बावजूद इसके आरोपी को सम्मानित करना कानून और न्याय दोनों का मजाक है।
अब देखिए वो तस्वीरें, जिसमें आरोपी कुत्तों के पीछे लगा है



ढूंढ-ढूंढ कर कुत्तों को मारी थी गोली
दरअसल, झुंझुनूं के कुमावास गांव में 2 अगस्त को श्योचंद बावरिया (50) पुत्र सुरजाराम बावरिया ने गोली मारकर 25 कुत्तों की हत्या कर दी थी। श्योचंद ने ढूंढ-ढूंढ कर कुत्तों को गोली मारी थी। इसके बाद गांव में जगह-जगह खून से लथपथ 25 कुत्तों के शव मिले थे।
4 अगस्त को इस घटना का वीडियो सामने आया था। इसके बाद गांव की पूर्व सरपंच सरोज झांझड़िया ने एसपी से इसकी शिकायत की थी। पुलिस ने 18 अगस्त को श्योचंद को गिरफ्तार कर लिया था। 22 अगस्त को श्योचंद को जमानत मिली तो उसने थाने के बाहर निकलते हुए वीडियो बनाया। इसके बाद जैसे ही गांव में पहुंचा तो वहां भी उसका स्वागत हुआ।
घटना को लेकर 2 पक्षों के बयान पहला:
श्योचंद और ग्रामीणों के अनुसार, कुत्ते उनकी बकरियों और मवेशियों पर हमला कर रहे थे। यही नहीं बुजुर्गों और बच्चों को निशाना बना रहे थे। ऐसे में, गुस्साए श्योचंद ने कुत्तों को मार डाला।
दूसरा:
पूर्व सरपंच सरोज ने आरोप लगाया कि यह दावे झूठे हैं कि कुत्तों ने बकरियों को मार डाला था। कुत्तों ने न तो किसी को नुकसान पहुंचाया था और न ही किसी की बकरियों को मारा था। उन्होंने आरोप लगाया कि श्योचंद और उसके साथी बकरियां मरने का झूठा बहाना बनाकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं, जिससे उनकी गलत मंशा जाहिर होती है।