डोटासरा बोले-UDH मंत्री ने जनता को ही चोर बता दिया:पीसीसी चीफ ने पलटवार कर कहा- पर्ची सरकार में सारे टल्ले मारने वाले लोग आ गए
डोटासरा बोले-UDH मंत्री ने जनता को ही चोर बता दिया:पीसीसी चीफ ने पलटवार कर कहा- पर्ची सरकार में सारे टल्ले मारने वाले लोग आ गए

सीकर : यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सीकर मास्टर प्लान-2041 पर अपना बयान दिया था। खर्रा ने कहा था- जो चोर है, वो इसका विरोध कर रहे हैं। अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार किया है। डोटासरा ने अपने सीकर आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा- यूडीएच मंत्री कहते है कि मेरे पास फाइल (सीकर मास्टर प्लान) है, जो चोरी कर रहे हैं वही इसका विरोध कर रहे हैं। मतलब जो जनता है उनको ही यूडीएच मंत्री ने चोर बता दिया। जनता ही आवाज उठा रही है कि हमारे साथ में गलत हुआ है।
पीसीसी चीफ ने कहा- मंत्री दूसरों पर दोषारोपण कर रहे हैं। कल-परसों कह रहे थे कि कांग्रेस का पाप है। फिर आप इसे सिर पर लेकर 2 साल से क्यों ढो रहे हो। आप तो इस पाप के घड़े को फोड़ो और धर्म का घड़ा अपने सिर पर रखकर जनता को राहत दो। यह काम मंत्री का होना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान में सारे टल्ले मारने वाले लोग आ गए। जब पर्ची से सरकार बनती है तो इसी तरह की दिक्कत जनता को होती है, जो सीकर और राजस्थान के लोगों को हो रही है।
जिसने गड़बड़ी की,उसके खिलाफ कार्रवाई हो
डोटासरा बोले- सीकर में जो मास्टर प्लान-2041 है। वह कांग्रेस ने नहीं बनाया बल्कि जिस एजेंसी को काम दिया गया था उसने मास्टर प्लान का प्रारूप तैयार किया। यदि उस एजेंसी ने ही कोई गलती की है,जैसा जनता कह रही है तो खर्रा सरकार का मंत्री होने के नाते इसको ठीक करें।
डोटासरा ने कहा- वह (खर्रा) कहते कि मैं फाइल लेकर चलता हूं। हम कहते है कि आप फाइलों का बौरा ही लेकर चलो। कौन आपको मना कर रहा है, लेकिन फाइल में कोई गड़बड़ी है, जिसने बेईमानी की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करो। कैसे मास्टर प्लान जनता के हित में हो, उसकी कार्रवाई उन्हें करनी चाहिए।
आप (खर्रा)सरकार के मंत्री हो,आपको यूडीएच डिपार्टमेंट मिला है। इसके बावजूद हमारा संभाग चला गया, नीमकाथाना नगर परिषद से नगर पालिका हो गई। हम सीकर में नगर निगम का इंतजार कर रहे थे, वह चला गया। आज मास्टर प्लान पर आप अलग-अलग तरह के बयान दे रहे हो। इन बयानों की बजाय आप सरकार का प्रमुख हिस्सा होने के नाते मास्टर प्लान को जनहितैषी कैसे बनाएं। इस दिशा पर काम करना चाहिए। तब तो लोग यूडीएच मंत्री की बात सुनेंगे। नहीं तो लोग मजाक उड़ाकर चलते बनेंगे कि यह क्या तमाशा है।
प्रदेश सरकार की चुनाव करवाने की मंशा नहीं
निकाय चुनाव पर बोलते हुए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- प्रदेश सरकार की निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव करवाने को लेकर कोई मंशा नहीं है। यदि सरकार की चुनाव करवाने की मंशा होती तो निकायों का 5 साल का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही सारी प्रक्रिया पूरी करके जैसे ही 5 साल खत्म होते चुनाव करवा देती।
सरकार ने अपने बजट में यह कहलवा दिया कि प्रदेश में ‘वन स्टेट-वन इलेक्शन’ होगा लेकिन ऐसा कोई कानूनी प्रावधान आज की तारीख में मौजूद नहीं। न ही ऐसा कोई प्रावधान यह लेकर आए हैं। इसे लेकर कोई पॉलिसी भी बनी नहीं हुई है। इनका हमेशा से यही था कि चुनाव करवाने ही नहीं है। केवल प्रशासक लगाकर समय व्यतीत करना है।
5 साल के अंदर चुनाव क्यों नहीं हुए?
अब हाईकोर्ट के न्यायाधिपति अनूप ढंड ने कहा है कि जांच होनी चाहिए कि 5 साल के अंदर चुनाव क्यों नहीं हुए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत सरकार को भी इस बारे में लिखा जाए। क्योंकि संवैधानिक प्रावधान है, 73 वां और 74 वां संशोधन होने के बाद,अनुच्छेद 243 के तहत हो गया था कि 5 साल में ही नगर निकाय और पंचायतीराज के चुनाव होंगे।
राजस्थान के राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त ने वोटर लिस्ट के लिए लिखा है लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं है। वह वापस लिखकर भेजेगी कि हम अभी चुनाव नहीं करवा पा रहे क्योंकि अभी परिसीमन का कार्य पूरा नहीं हुआ है। लेकिन परिसीमन के आधार पर यह चुनाव को आगे नहीं करवा सकते क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार के मामले में निर्णय आया हुआ है।

सरकार ने 2 साल में कुछ नहीं किया
सरकार ने 2 साल में कुछ नहीं किया। यह चुनाव करवाने में डर रहे हैं और चुनाव मैदान में आना नहीं चाहते लेकिन उच्च न्यायालय इनको बाध्य करेगा। कांग्रेस भी सड़क और सदन पर मुद्दा बनाएगी। आने वाले विधानसभा सत्र में भी इसे मुद्दा बनाएंगे कि जनता के हकों पर यह कुठाराघात कर रहे हैं। ग्रामीण और शहरी प्रशासन में पूरी तरह से शून्यता आ गई है। इस पूरी सरकार में ब्यूरोक्रेसी हावी है। जनप्रतिनिधि की इस सरकार में कोई भी पूछ नहीं हो रही। उनकी सुनवाई नहीं हो रही।