झुंझुनूं में ढाबा बंद करवाया, रिक्शे से उतारी सवारियां:बाजार बंद करवाने ट्रैक्टर से निकले; स्मार्ट मीटर के विरोध में दुकानों से लेकर स्कूल बंद
झुंझुनूं में ढाबा बंद करवाया, रिक्शे से उतारी सवारियां:बाजार बंद करवाने ट्रैक्टर से निकले; स्मार्ट मीटर के विरोध में दुकानों से लेकर स्कूल बंद

झुंझुनूं : स्मार्ट मीटर के विरोध में बुधवार को झुंझुनूं जिले में दुकानों से लेकर स्कूल तक बंद है। सुबह शहर में जब एक ढाबा खुला दिखा तो उसे बंद करवाया। वहीं ई-रिक्शा में जा रही सवारियों से समझाइश की और उन्हें नीचे उतारा। दरअसल, स्मार्ट मीटर हटाओ संघर्ष समिति के विरोध में ये बंद बुलाया गया है। इसके तहत झुंझुनूं के साथ ही चिड़ावा, खेतड़ी, पिलानी और उदयपुरवाटी में भी सुबह से बाजार से लेकर स्कूल तक पूरी तरह से बंद है।
इसके विरोध में झुंझुनूं शहर में गांधी चौक से लेकर कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली गई। इस रैली में बड़ी संख्या में शहरवासी भी मौजूद थे। कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के दौरान चेतावनी दी कि स्मार्ट मीटर के फैसले को दोबारा नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज होगा, क्योंकि ये जनता से जुड़ा मुद्दा है। इसके साथ बार यूनियन ने भी कार्य का बहिष्कार किया और वकीलों ने अदालत परिसर में नारेबाजी कर स्मार्ट मीटर विरोधी आंदोलन का समर्थन जताया।
संघर्ष समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि स्मार्ट मीटर किसानों के लिए अतिरिक्त बोझ साबित हो रहे हैं। बिजली कटौती की समस्या पहले से है, अब प्रीपेड और महंगे बिल ने हालात और खराब कर दिए हैं।




इन तीन पॉइंट में समझे इसलिए हो रहा है विरोध
1.इन मीटरों के लगने के बाद बिल कई गुना बढ़ गए है चार्ज हर महीने बिना किसी आधार के बढ़ता जा रहा है।
2. मीटर की खराब तकनीक के कारण उपभोक्ताओं को बिजली गुल होने और रीचार्ज के झंझट का सामना करना पड़ता है।
3. बिजली विभाग ने यह मीटर लगाने की प्रक्रिया अपनाई, उसमें पारदर्शिता नहीं थी। लोगों से सहमति लिए बिना, जबरन मीटर लगाए गए। अब आम उपभोक्ता हर महीने महंगे बिजली बिल और प्रीपेड सिस्टम की मार झेल रहा है।
और, सरकार का इस पर दावा
1.स्मार्ट मीटर लगाने से बिजली बिल अधिक नहीं आएगा। यह बिलिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाता है।
2. उपभोक्ता को कोई भुगतान नहीं करना है और न ही अन्य कोई चार्ज उनके बिल में जुड़ेगा।
3.स्मार्ट मीटर में बिजली बिल निर्धारित तिथि को ऑटो जनरेट होगा। भुगतान के लिए सभी मौजूदा विकल्प उपलब्ध रहेंगे।
इन फोटोज के जरिए समझिए झुंझुनूं बद का असर



