श्रीमाधोपुर कोर्ट से बालाजी मंदिर हटाने का विवाद:वकील न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे, जांच और कानूनी कार्रवाही की मांग
श्रीमाधोपुर कोर्ट से बालाजी मंदिर हटाने का विवाद:वकील न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे, जांच और कानूनी कार्रवाही की मांग

श्रीमाधोपुर : श्रीमाधोपुर न्यायालय परिसर में स्थित बालाजी मंदिर को हटाने का मामला तूल पकड़ गया है। 14 अगस्त की रात को न्यायालय में जेसीबी से मंदिर को तोड़ा गया। मंदिर से मूर्ति और पूजा सामग्री भी हटाई गई। वकीलों और हिंदू संगठनों ने दो दिन तक धरना-प्रदर्शन किया। पुलिस अधिकारियों की समझाइश पर धरना 18 अगस्त तक स्थगित किया गया। सोमवार को कोर्ट परिसर में बार संघ की बैठक हुई। बार संघ अध्यक्ष रामजीलाल सैनी और पूर्व अध्यक्ष दिनेश सिंह शेखावत ने बताया कि यह मंदिर न्यायिक अधिकारियों के प्रोत्साहन और आर्थिक सहयोग से बना था।
अभिभाषक संघ श्रीमाधोपुर ने मंदिर तोड़े जाने की विधिक जांच की मांग की है। संघ ने इसे आपराधिक कृत्य बताते हुए कानूनी कार्रवाही की मांग की है। उच्च अधिकारियों को इस मामले से अवगत करा दिया गया है। संघ ने निर्णय लिया है कि जब तक दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं होगा, वे न्यायिक कार्यों से दूर रहेंगे। हालांकि, संघ ने स्पष्ट किया है कि इससे किसी पक्षकार को नुकसान नहीं होगा और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार सहयोग जारी रहेगा।