ग्रामीण खेलों को प्रोत्साहन जरूरी : कासम अली
गांव घांघू में हुई कबड्डी प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने दिखाया उत्साह

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : मोहम्मद अली पठान
चूरू : जिला मुख्यालय के निकटवर्ती गांव घांघू के मुख्य गोगामेड़ी परिसर में रविवार को जाहरवीर गोगाजी कबड्डी प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने भरपूर उत्साह दिखाया। समारोह की अध्यक्षता समाजसेवी परमेश्वर लाल दर्जी ने की। मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य कासम अली ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की दिशा में हमारे आंचलिक खेलों का संरक्षण भी बेहद जरूरी है। उन्होंने आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि गोगानवमी के अवसर पर आयोजित होने वाली यह प्रतियोगिता एक तरह से घांघू की पहचान बन गई है। विशिष्ट अतिथि महावीर नेहरा ने कहा कि खेलों से न केवल शारीरिक अपितु मानसिक मजबूती भी व्यक्ति को मिलती है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में सभी युवा इन खेलों के माध्यम से जुड़े रहते थे। उन्होंने ग्राम पंचायत की ओर से खेलों के विकास के लिए खेल मैदान विकास की दिशा में किये गए कार्यों की जानकारी दी।
जनसम्पर्क उप निदेशक कुमार अजय ने कहा कि घांघू मूल के महान स्वाधीनता सेनानी गोगाजी विदेशी आक्रांताओं से लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हुए, यह बात ग्रामीणों को गौरव से भर देती है। उन्होंने बताया कि जीणमाता और हर्ष भैरव के ही कुल में आगे चलकर गोगाजी का जन्म हुआ, इसलिए घांघू की इस पवित्र भूमि में गोगानवमी पर गतिविधियों का संचालन अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि ऐसी खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से एक ओर ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को मंच मिलता है, वहीं आपसी भाईचारे का विकास होता है। हम सभी को जीवन में किसी न किसी खेल गतिविधि से जुड़ना चाहिए ताकि हम शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ रहें। वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक सफी मोहम्मद गांधी एवं रामसिंह सिहाग ने गांव के राजकीय विद्यालयों के माध्यम से चल रही खेल गतिविधियों से अवगत करवाया।
इस दौरान देवकरण बेरवाल, रघुवीर सिंह राठौड़, सुरेश मांझू, करणीराम नैण, विनीत राहड़, सुरेश दर्जी आदि भी बतौर अतिथि मौजूद रहे। अतिथियों ने फीता काटकर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। उद्धघाटन मैच झारिया व शहीद राजेश कुमार फगेड़िया राउमावि घांघू के मध्य खेला गया, जिसमे झारिया की टीम विजेता रही। समारोह में ताराचंद प्रजापत, पवन सैनी, आनंद कुमार पूनिया, धनेश सैनी, सज्जन दर्जी, रामप्रताप बरवड़, विद्याधर राहड़, पंच प्रेमचंद नायक, रणजीत गेट श्योदानपुरा, आजम अली पहाड़ियान, युसुफ़ पहाड़ियान, रामजीलाल, राजवीर सिंह राठौड़ आदि मौजूद रहे।
मैच के निर्णायक विजय सिंह भाम्भू, विजेंद्र सिहाग थे। संचालन बीरबल नोखवाल ने किया। मेला समिति के संयोजक केसरदेव गुरी ने आभार जताया। प्रदीप दर्जी, मनीष कुमार, अजय जांगिड़, मुकेश गुरी, अभय नेहरा, दिनेश बाटू, प्यारेलाल गुरी ने अयोजकीय व्यवस्था संभाली।