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कजली तीज पर सादुलपुर में निकली गणगौर सवारी:100 साल पुरानी प्रतिमा के साथ दाई राठौड़ परिवार ने निभाई परंपरा


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कजली तीज पर सादुलपुर में निकली गणगौर सवारी:100 साल पुरानी प्रतिमा के साथ दाई राठौड़ परिवार ने निभाई परंपरा

कजली तीज पर सादुलपुर में निकली गणगौर सवारी:100 साल पुरानी प्रतिमा के साथ दाई राठौड़ परिवार ने निभाई परंपरा

सादुलपुर : सादुलपुर में कजली तीज के अवसर पर मंगलवार शाम को गणगौर की पारंपरिक सवारी निकाली गई। नगर पालिका परिसर में दाई राठौड़ परिवार ने गणगौर माता की प्रतिमा को सजाया। पालिका अधिशासी अधिकारी राकेश अरोड़ा ने गणगौर पूजन की रस्में अदा कीं। भाजपा मंडल अध्यक्ष गोपाल शर्मा और अन्य अधिकारियों ने भी पूजन में हिस्सा लिया। सवारी मुख्य बाजार से होते हुए वापस पालिका में पहुंची।

राजगढ़ की ये गणगौर प्रतिमा 100 वर्ष से अधिक पुरानी है। नेमीचंद राठौड़ दाई परिवार हर गणगौर पर्व और कजली तीज पर सवारी निकालता है। ये परिवार बीकानेर रियासत काल से इस कार्य के लिए अधिकृत है। विमला राठौड़ और पप्पू राठौड़ ने बताया कि उनके पूर्वजों को सेवा के लिए बीकानेर दरबार में राजगढ़ भेजा गया था। उन्होंने गणगौर की मांग की थी। महाराजा गंगा सिंह ने ये प्रतिमा दाई परिवार को सौंपी थी। पहले गणगौर के लिए सोने-चांदी के गहने और आरी-तारी की पोशाक का प्रयोग होता था। वर्तमान में कृत्रिम गहनों से गणगौर माता को सजाया जाता है, लेकिन परंपरा आज भी जीवंत है।

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