चूरू के वैद्य दंपती ने लिया देहदान का संकल्प:मेडिकल कॉलेज को सौंपा सहमति पत्र, मेडिकल छात्रों की पढ़ाई में मिलेगी मदद
चूरू के वैद्य दंपती ने लिया देहदान का संकल्प:मेडिकल कॉलेज को सौंपा सहमति पत्र, मेडिकल छात्रों की पढ़ाई में मिलेगी मदद

चूरू : चूरू के रिटायर्ड वैद्य श्यामलाल शर्मा और उनकी पत्नी शशि शर्मा ने मौत के बाद भी समाज के लिए उपयोगी बनने का संकल्प लिया है। दंपती ने देहदान करने का निर्णय किया है और चूरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एमएम पुकार को औपचारिक सहमति पत्र सौंप दिया है।
दंपती ने बताया कि करीब दो साल से उनके मन में देहदान का विचार था। हाल ही में जिले में चलाए गए अंगदान और देहदान जागरूकता अभियान से प्रेरित होकर उन्होंने यह कदम उठाया। उनका मानना है कि मौत के बाद उनका शरीर मेडिकल कॉलेज को सौंपा जाए। इससे चिकित्सा के क्षेत्र में शोध और मेडिकल छात्रों की पढ़ाई में मदद मिलेगी।
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. पुकार ने बताया कि देहदान से मेडिकल स्टूडेंट्स को मानव शरीर की संरचना और विभिन्न रोगों के अध्ययन में प्रत्यक्ष लाभ मिलता है। इससे चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। उन्होंने वैद्य दंपती के इस निर्णय को समाज के लिए प्रेरणादायक बताया।
मेडिकल कॉलेज के आंकड़ों के अनुसार अब तक 12 लोग देहदान का संकल्प ले चुके हैं। इनमें चूरू के दंपती सुरेंद्र बावलिया और उनकी पत्नी कुसुमलता भी शामिल हैं। जिले में हाल ही में चलाए गए अंगदान अभियान में 9793 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इस अभियान से चूरू राजस्थान में दूसरे स्थान पर रहा। यह अभियान 12 जुलाई से शुरू हुआ था। इसमें आमजन से लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। डॉ. पुकार का कहना है कि देहदान और अंगदान जैसे निस्वार्थ कार्य समाज में सेवा और त्याग की मिसाल हैं। ऐसे संकल्प न केवल चिकित्सा क्षेत्र को मजबूती देते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी मानवता के उच्च मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देते हैं।