दिवंगत सैनिक दाताराम सैनी की प्रतिमा का किया अनावरण, वीरांगनाओं का किया सम्मान
राजस्थान को बगीचे की तरह सींचा, अब उजाड़ रही है सरकार: पूर्व सीएम गहलोत

मावंडा/नीमकाथाना : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को नीमकाथाना के मावंडा कला स्थित कुंडली की ढाणी में आयोजित एक समारोह में प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। दिवंगत सैनिक दाताराम सैनी की प्रतिमा अनावरण के अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि मैंने राजस्थान को बगीचे की तरह सींचा है, लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार उसे उजाड़ने में लगी हुई है। गहलोत ने सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले को रद्द करने को जनभावनाओं के साथ अन्याय करार देते हुए कहा कि इन निर्णयों से जनता के विकास की उम्मीदों को गहरा आघात पहुंचा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर व्यंग्य करते हुए कहा कि सिर्फ भजन करने से कुछ नहीं होगा भजनलाल जी, अगर आप यमुना का पानी नीमकाथाना तक ले आएं तो मैं खुद मुख्यमंत्री आवास आकर आपका माला पहनाकर स्वागत करूंगा। उन्होंने कहा कि सरकार में सकारात्मक सोच जरूरी होती है, लेकिन वर्तमान सरकार नकारात्मकता के साथ फैसले ले रही है। हमने वसुंधरा राजे सरकार की कई अच्छी योजनाओं को आगे बढ़ाया, लेकिन भाजपा सरकार कांग्रेस कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं को रोकने का काम कर रही है। गहलोत ने झालावाड़ हादसे पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून का भय खत्म होता जा रहा है और भ्रष्टाचार व अपराध चरम पर हैं। हमारे शासन में लोग भ्रष्टाचार करने से डरते थे, लेकिन आज हालात बिगड़ चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने पंचायत और छात्रसंघ चुनावों में सरकारी हस्तक्षेप को लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि सरकारें आती जाती रहती हैं, लेकिन जनहित के कामों की निरंतरता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का रवैया जनविरोधी है और यह जनता को विकास से दूर करने का कार्य कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि अगली सरकार कांग्रेस की होगी और मुख्यमंत्री चाहे कोई भी बने, नीमकाथाना जिला बनाने का निर्णय जरूर बहाल किया जाएगा। उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बलिदान को याद करते हुए कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए उन्होंने प्राणों की आहुति दी। इंदिरा गांधी ने खालिस्तान जैसे विभाजनकारी मंसूबों को अपने साहस से विफल किया।
पूर्व सीएम की दो टूक, यमुना जल पर राजनीति नहीं समाधान करें सरकार
कांग्रेस की सरकार बनेगी तो नीमकाथाना जिला व सीकर संभाग फिर बनेगा
गहलोत ने दिवंगत सैनिक दाताराम सैनी को शहीद का दर्जा देने की मांग करते हुए कहा कि यदि उन्हें यह दर्जा मिल जाता, तो परिवार को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता भी मिलती। उन्होंने कहा कि वे स्वयं मुख्यमंत्री से मिलकर यह मुद्दा उनके सामने रखेंगे। गहलोत ने कारगिल युद्ध के समय को याद करते हुए कहा कि उस दौरान शहीदों के माता-पिता अगला बेटा भी देश के लिए बलिदान देने को तैयार बताते थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि दाताराम सैनी जैसे वीरों का देश हमेशा ऋणी रहेगा। उन्होंने कांग्रेस शासनकाल में हुए विकास कार्यों की भी चर्चा की। पूर्व मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि शेखावाटी की वीर भूमि से भारत के कुल सैनिकों का 10 प्रतिशत आते हैं। खेतड़ी के पूर्व विधायक पूरण सैनी ने अग्निवीर योजना को युवाओं के हित में नहीं बताते हुए उस पर पुनर्विचार की मांग की। पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार में नीमकाथाना की चिकित्सा सेवाएं इतनी अच्छी थीं कि हरियाणा से भी लोग इलाज करवाने आते थे। उदयपुरवाटी विधायक भगवान सहाय सैनी ने शहीदों को अपनी प्रेरणा बताते हुए कहा कि उन्हीं के आशीर्वाद से उन्हें जनसेवा का अवसर मिला है। गहलोत ने दिवंगत दाताराम सैनी की प्रतिमा का अनावरण करते हुए वीरांगना मीना देवी व शहीद के माता-पिता को साल ओढ़ाकर सम्मानित किया। अन्य वीरांगनाओं को भी मंच पर बुलाकर सम्मान दिया गया। गौरतलब है कि दाताराम सैनी 16 जून 2023 को लखनऊ में 66वीं सशस्त्र सीमा बल बटालियन में पदोन्नति परीक्षा के दौरान दिवंगत हुए थे। कार्यक्रम में सनराइज विद्यालय के निदेशक दिनेश देशवाल ने गहलोत का स्वागत किया। कांग्रेस नेत्री मंजू सैनी ने भी सम्मान किया।
सैनिक परिवार को मिली आर्थिक सहायता
कार्यक्रम के दौरान मनोज घुमरिया ने सैनिक परिवार को 1,11,000 की सहायता राशि का चेक भेंट किया, वहीं नाथाकी नांगल के पूर्व सरपंच बसंत यादव ने 31,000 की सहायता प्रदान की। कार्यक्रम में बंटेश सैनी, विनोद भूदौली, सुंदर सैन, पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला, खेतड़ी प्रधान मनीषा गुर्जर, कांग्रेस नेता धर्मेंद्र सिंह राठौड़, पूर्व आईएएस केएल मीणा, सुमित मोदी, हेम सिंह शेखावत, धीरज सैनी, नानूराम सैनी, पंचायत समिति सदस्य भूपेंद्र सिंह तंवर, नंदलाल सैनी छावनी, कैप्टन रामावतार गुर्जर आदि थे।