सरदारशहर में 40 से अधिक सरकारी स्कूल जर्जर:ग्रामीणों को सता रहा हादसे का डर, सीबीईओ बोले-कलेक्टर को भेजी जाएगी रिपोर्ट
सरदारशहर में 40 से अधिक सरकारी स्कूल जर्जर:ग्रामीणों को सता रहा हादसे का डर, सीबीईओ बोले-कलेक्टर को भेजी जाएगी रिपोर्ट

सरदारशहर : सरदारशहर उपखंड क्षेत्र में 40 से अधिक सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार शिक्षा विभाग और स्थानीय नेताओं को इस स्थिति से अवगत करवाया है। मगर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों की चिंता और भी बढ़ गई है। हाल ही में झालावाड़ जिले में एक सरकारी स्कूल की बिल्डिंग गिरने से 6 बच्चों की मौत हो गई। इस हादसे में 21 बच्चे घायल हुए हैं। इनमें से 9 की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
सरदारशहर के वार्ड नंबर 3 की राजकीय स्कूल समेत कई गांवों के स्कूलों की स्थिति चिंताजनक है। मेलूसर, बिजरासर, नैणासर सुमेरिया, नाहरसरा, करनसर, उदासर बीदावतान, बैजासर और कालूसर जैसे गांवों के स्कूल भी इसमें शामिल हैं। पिचकराई-ताल, रायपुरा, कालवासिया, बीकमसरा, रूपलीसर, काकलासर, मेहरासर छन्ना, मालकसर, भोजासर बड़ा, कुन्तलसर, रातुसर, मनापरसर और भींवसर के स्कूलों की हालत भी खराब है।
करनसर के मनफूल मूंड ने बताया-उनके गांव का इंग्लिश मीडियम स्कूल पूरी तरह जर्जर हो चुका है। इससे बच्चों की पढ़ाई खतरे में है। कालूसर के आरिफ खान ने कहा कि राउमावि स्कूल की हालत इतनी खराब है कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है। उन्होंने बताया, “हमने बार-बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।”
सीबीईओ ओमदत्त सारण ने मीडिया को बताया कि क्षेत्र में जिन स्कूलों के भवन जर्जर हैं, उनकी रिपोर्ट मांगी गई है। यह रिपोर्ट तैयार कर जिला कलेक्टर को भेजी जाएगी। इससे आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इन स्कूलों की मरम्मत या पुनर्निर्माण नहीं किया गया तो वे आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि बच्चों की सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।