उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर बोले डोटासरा:भाजपा किसान कम्युनिटी के लिए ठीक नहीं; केवल यूज़ एंड थ्रू का काम चल रहा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर बोले डोटासरा:भाजपा किसान कम्युनिटी के लिए ठीक नहीं; केवल यूज़ एंड थ्रू का काम चल रहा

सीकर : उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कसते हुए इसे किसान कम्युनिटी के सम्मान से जोड़ दिया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- किसान और किसान के बेटे जो भाजपा में संघर्ष कर रहे हैं। उनका वहां कोई स्थान नहीं है, वहां केवल यूज़ एंड थ्रू का काम चल रहा है। राजस्थान में भी ऐसा हुआ था। काम कराया और फिर पद से हटाया। उपराष्ट्रपति का इस्तीफा हुआ है, वो नई कलइयां खोलेगें।
डोटासरा ने कहा- उपराष्ट्रपति का इस्तीफा हमारे लिए चौंकाने वाला है। विश्वास नहीं हो रहा कि उन्होंने स्वास्थ्य के कारण इस्तीफा दिया है। पूरे दिन राज्यसभा का संचालन करना उसके बाद 23 तारीख को उनका जयपुर में कार्यक्रम होना, महीने में 20 दिन टूर होते रहते थे। ऐसे में अचानक उनका इस्तीफा आना एक तरीके से संकेत दे रहा है कि उन्होंने कुछ दिनों से अपनी बातें स्पष्ट रूप से मीडिया के माध्यम और कार्यक्रम के बहाने कहना शुरू किया था। यह भाजपा हाईकमान को नागवार गुजरा।
राजस्थान में भी ऐसा ही हुआ था काम कराया और फिर पद से हटाया
डोटासरा ने कहा- धीरे-धीरे परतें खुलेगी, किसान और किसान के बेटों के लिए भारतीय जनता पार्टी की सोच ही नहीं है। इनके लिए केवल उनकी नजर से वो देश-दुनिया को देखें। वह जो कहें वही करें। धनखड़ साहब ये नहीं कर पाए। सतीश पूनिया की तरफ इशारा करते हुए डोटासरा ने कहा, “राजस्थान में भी ऐसा हुआ था, काम कराया और फिर पद से हटाया। अब उपराष्ट्रपति का इस्तीफा हुआ है, वो काफी नई कलइयां खोलेगे।” हम दो हमारे दो के अलावा कोई नहीं। अपना विवेक अगर किसी ने इस्तेमाल कर लिया तो उसे अंजाम भुगतना पड़ेगा। यह जो नया ट्रेंड चला है, डरावना है। यह लोकतंत्र संविधान सबके लिए खतरा है। जब परतें खुलेगी,तब सारी बातें साफ होगी।
विपक्ष को दुश्मन नहीं मानने वाली धनखड़ की लाइन उनकी आत्मा से निकली थी, वही लाइन उनके इस्तीफे के रूप में आई
डोटासरा ने कहा- यह कोई एम्स का बुलेटिन नहीं है कि धनकड़ साहब कुर्सी पर नहीं बैठ पाएंगे, बोल नहीं पाएंगे। यह उनका दर्द है। शालीनता के साथ उन्होंने अपने इस्तीफे में लिख दिया लेकिन यह हमें सोचने को मजबूर करेगा। धनकड़ साहब ने जब यह बोला कि विपक्ष दुश्मन नहीं होता है, उसको सहजता से लेना चाहिए उसका सम्मान करना चाहिए, अगर विपक्ष कुछ नहीं है और हम ही हैं, हम कहे वही सही तो यह घमंड है, यह जो लाइन थी, वह उनकी आत्मा से निकली हुई थी। इस लाइन को किसी न किसी को बेचैन कर दिया। वही लाइन धनखड़ साहब के इस्तीफे के रूप में हमारे सामने आई है।
भाजपा में किसान और किसान के बेटों के लिए कोई जगह नहीं
डोटासरा ने कहा- कई चीज सामने आ जाएंगी, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि किसान और किसान के बेटे जो भाजपा में संघर्ष कर रहे हैं उनका वहां कोई स्थान नहीं है,वहां केवल यूज़ एंड थ्रू का काम चल रहा है। भाजपा में किसान परिवार और किसान कम्युनिटी के लिए ठीक नहीं है। हम सबको सोचना पड़ेगा कि यह क्या हो रहा है? यह सही है कि उन्होंने माना है कि मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, आज हम यह बात मान सकते हैं लेकिन एक न एक दिन यह बात सामने आएगी कि इनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है या फिर इन्होंने जो अपना विवेक इस्तेमाल किया, उसे दूसरों का स्वास्थ्य बिगड़ा है।
बात कोई बड़ी है, धीरे-धीरे सामने आएगी
डोटासरा ने कहा- किसी को इंसल्ट करके किसी को खुश करो, ऐसा नहीं हो सकता। देश में सत्ता में तीसरी बार बीजेपी है उनको इस तरीके से किसी को खुश करने के लिए किसी को इंसल्ट करे, यह बात नहीं है, बात कोई बड़ी है,यह बात धीरे-धीरे सामने आएगी। जिस किसी ने भाजपा में अपने विवेक का इस्तेमाल किया विपक्ष को सम्मान दिया संविधान को सम्मान दिया उसका हश्र यही हुआ है। आगे यह नई बीजेपी पनप रही है जो देश के लिए डरावनी है।