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जंजीरों में जकड़कर खाटूश्यामजी पहुंचा 21 साल का भक्त:बोला- 9 साल की उम्र में माता-पिता ने छोड़ा तब से बाबा श्याम सहारा, उत्तरप्रदेश से आया


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जंजीरों में जकड़कर खाटूश्यामजी पहुंचा 21 साल का भक्त:बोला- 9 साल की उम्र में माता-पिता ने छोड़ा तब से बाबा श्याम सहारा, उत्तरप्रदेश से आया

जंजीरों में जकड़कर खाटूश्यामजी पहुंचा 21 साल का भक्त:बोला- 9 साल की उम्र में माता-पिता ने छोड़ा तब से बाबा श्याम सहारा, उत्तरप्रदेश से आया

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नैना शेखावत

सीकर : 21 साल का बाबा खाटूश्याम का भक्त केशव सक्सेना अपने पूरे शरीर को 12 लोहे की जंजीरों से जकड़ कर, 18 किलोमीटर की कठिन पदयात्रा पूरी कर खाटूश्यामजी मंदिर पहुंचा। यह उसकी दूसरी ऐसी यात्रा है, जिसमें उसने 10 किलो वजनी जंजीरों से हाथ, पैर और कमर बांधकर 27 घंटे तक बिना कुछ खाए-पिए बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई।

केशव सक्सेना ने अपने पूरे शरीर को 12 लोहे की जंजीरों से जकड़कर 18 किलोमीटर की कठिन पदयात्रा पूरी की है।
केशव सक्सेना ने अपने पूरे शरीर को 12 लोहे की जंजीरों से जकड़कर 18 किलोमीटर की कठिन पदयात्रा पूरी की है।

केशव ने बताया- वह उत्तरप्रदेश के रामपुर का रहने वाला है। वह पिछले 12 साल से लगातार खाटूश्यामजी के दर्शन के लिए आ रहा है। 9 साल की उम्र में पहली बार वह बाबा के दरबार पहुंचा था। तब से वह बाबा श्याम का इस कदर दीवाना हुआ कि जब मन करता है, उनके दर्शन को चला आता है। एक बार जब उसके पास पैसे नहीं थे तब उसने साइकिल उठाई और बिना किसी को बताए खाली जेब खाटूश्यामजी के लिए निकल पड़ा।

केशव ने बताया कि वह सोमवार को नैनीताल से ट्रेन के जरिए रवाना हुआ। मंगलवार दोपहर 1 बजे रींगस के प्राचीन श्याम मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उसने 12 जंजीरों से खुद को बांधा और पदयात्रा शुरू की। बुधवार सुबह करीब 4 बजे वह खाटूश्याम जी मंदिर पहुंचा। रींगस से खाटूश्याम जी की 18 किलोमीटर की दूरी तय करने में उसे 27 घंटे लगे। दर्शन के बाद केशव ने जंजीरें उतारीं और बताया कि यह यात्रा बाबा श्याम को प्रसन्न करने के लिए की।

रींगस से खाटूश्यामजी की 18 किलोमीटर की दूरी तय करने में केशव को 27 घंटे लगे।
रींगस से खाटूश्यामजी की 18 किलोमीटर की दूरी तय करने में केशव को 27 घंटे लगे।

केशव ने बताया- 9 साल की उम्र में उसके माता-पिता ने अलग-अलग शादी कर उसे बेसहारा छोड़ दिया। तब से बाबा श्याम उसका सहारा बने। वह कहता है- बाबा की कृपा से मैं आज अच्छा खासा कमा रहा हूं। केशव नैनीताल के पास एक कस्बे में पानी की बोतल बनाने वाली फैक्ट्री में काम करता है। जब भी मन करता है, वह बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच जाता है।

बाबा श्याम से अरदास की है कि मांसाहार बंद हो

केशव ने बताया- मैं हल्द्वानी में कन्हैया मित्तल के भजन सुनने गया था। वहां रास्ते में लोग मांस खा रहे थे और लोहे के चाकू से मांस काटा जा रहा था। इसलिए मैं लोहे की जंजीर बांधकर बाबा श्याम के दरबार में आया हूं और प्रार्थना की है कि भारत में जानवरों को काटना बंद हो व मोदी सरकार से भी मांग की है।

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