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झुंझुनूं के युवक की दुबई में मौत,शव पहुंचा तो मातम:3 महीने से परिवार से नहीं था कॉन्टैक्ट, नौकरी के लिए लिया था कर्ज


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झुंझुनूं के युवक की दुबई में मौत,शव पहुंचा तो मातम:3 महीने से परिवार से नहीं था कॉन्टैक्ट, नौकरी के लिए लिया था कर्ज

झुंझुनूं के युवक की दुबई में मौत,शव पहुंचा तो मातम:3 महीने से परिवार से नहीं था कॉन्टैक्ट, नौकरी के लिए लिया था कर्ज

झुंझुनूं : झुंझुनूं के धनुरी थाना क्षेत्र के रामपुरा गांव के रहने वाले सुमेर सिंह मीणा (40) का शव शुक्रवार दोपहर घर पहुंचा तो मातम छा गया। घर की महिलाओं ने रोते हुए अंतिम दर्शन किए। पत्नी और बेटी का रो-रोकर बुरा हाल था। उन्हें महिलाओं ने संभाला। बेटे को परिवार के सदस्यों ने सांत्वना दी। अब अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं।

पति का शव घर के सामने पहुंचा तो पत्नी की हालत बिगड़ गई। घर की महिलाओं ने उसे संभाला।
पति का शव घर के सामने पहुंचा तो पत्नी की हालत बिगड़ गई। घर की महिलाओं ने उसे संभाला।

8 महीने जॉब करने के बाद हुआ लापता

सुमेर सिंह एजेंट के जरिए नौकरी के लिए झुंझुनूं से दुबई गया था। 8 महीने जॉब करने के बाद वह लापता हो गया था। मार्च के बाद से परिवार से संपर्क नहीं हो पाया था। इसके बाद सूचना मिली कि उनकी बॉडी बरामद हुई है। दुबई से शव झुंझुनूं पहुंचाया गया है। परिवार के लोगों ने बताया कि दुबई में नौकरी के लिए 1 लाख रुपए का कर्ज लिया था। शव आज सुबह 8 बजे जयपुर पहुंच गया था। यहां से रामपुरा ले जाया गया।

शव शुक्रवार सुबह जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा था। यहां से पैतृक गांव रामपुरा ले जाया गया।
शव शुक्रवार सुबह जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा था। यहां से पैतृक गांव रामपुरा ले जाया गया।
शव पहुंचने के बाद मां और बेटी का रो-रोकर बुरा हाल था। महिलाओं ने उन्हें संभाला
शव पहुंचने के बाद मां और बेटी का रो-रोकर बुरा हाल था। महिलाओं ने उन्हें संभाला
सुमेर सिंह के बेटे को उम्मीद थी कि पिता का पता लग जाएगा। लेकिन कुछ दिन पहले ही मौत होने की सूचना मिली तो वह टूट गया।
सुमेर सिंह के बेटे को उम्मीद थी कि पिता का पता लग जाएगा। लेकिन कुछ दिन पहले ही मौत होने की सूचना मिली तो वह टूट गया।

एजेंट के माध्यम से गया था दुबई, मार्च से कॉन्टैक्ट नहीं था

सुमेर सिंह मीणा अगस्त 2024 में एक स्थानीय एजेंट के माध्यम से नौकरी की तलाश में दुबई पहुंचे थे। जहां उन्हें एक निर्माण कंपनी में काम मिला। शुरुआती कुछ महीने ठीक रहे, लेकिन मार्च 2025 से उनके परिवार का उनसे संपर्क टूट गया। उनका फोन बंद आने लगा। जहां काम करता था, वहां भी कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद कंपनी ने सुमेर सिंह को ‘लापता’ घोषित कर दुबई की इमिग्रेशन अथॉरिटी को रिपोर्ट सौंप दी थी।

दर्दनाक मौत की खबर और परिजनों पर कहर

करीब 10 दिन पहले दुबई पुलिस ने कंपनी को सूचना दी कि सुमेर सिंह मीणा की मौत हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार वे एक ट्रक या बस के नीचे सो रहे थे और ड्राइवर ने वाहन स्टार्ट कर दिया। जिससे सुमेर सिंह मौके पर ही कुचल गए और उनकी मौत हो गई। यह खबर जैसे ही उनके परिवार को मिली, घर में कोहराम मच गया। घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य अब इस दुनिया में नहीं था।

सुमेर का ये पासपोर्ट है। वह एक एजेंट के माध्यम से दुबई गया था।
सुमेर का ये पासपोर्ट है। वह एक एजेंट के माध्यम से दुबई गया था।

परिवार की दयनीय स्थिति और न्याय की मांग

मृतक सुमेर सिंह मीणा के परिवार में पत्नी, मां, एक बेटा और एक बेटी है। बेटा कॉलेज में फर्स्ट ईयर का छात्र है, जबकि बेटी ने हाल ही में 12वीं पास की है। पत्नी एक गृहिणी हैं। घर के इकलौते कमाने वाले व्यक्ति की मौत ने पूरे परिवार को आर्थिक व मानसिक रूप से झकझोर कर रख दिया है। जानकारी के अनुसार सुमेर सिंह ने दुबई जाने के लिए एक स्थानीय एजेंट के माध्यम से करीब 1 लाख रुपए का कर्ज लिया था।

प्रेम भंडारी ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले की जांच कराने की भी मांग की है।
प्रेम भंडारी ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले की जांच कराने की भी मांग की है।

प्रेम भंडारी बने सहारा, शव वापसी में मिली मदद

राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (RANA) के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने दुबई से शव को यहां लाने में मदद की। उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से सुमेर सिंह के जीजा कृष्ण कुमार से जानकारी मिली थी।। इस पर उन्होंने दुबई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास, झुंझुनूं कलेक्टर, एसडीएम और स्थानीय सरपंच धर्मपाल जांगिड़ समेत अन्य अधिकारियों से बात की। इसके बाद शव जयपुर पहुंचा।

वहीं प्रेम भंडारी ने दुबई स्थित भारतीय दूतावास से यह भी मांग की है कि दुबई पुलिस इस बात की जांच करे कि सुमेर सिंह की मौत कहीं साजिश या लापरवाही का नतीजा तो नहीं है। यदि ऐसा पाया जाता है तो जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। साथ ही उन्होंने दुबई में स्थित भारतीय मिशन से यह भी आग्रह किया है कि मृतक के गरीब परिवार को कानूनी सहायता और उचित आर्थिक मुआवजा दिलाने में मदद की जाए। साथ ही मांग की है कि एजेंट इस राशि को उनकी पत्नी को लौटाए, क्योंकि यह कर्ज मृतक परिवार पर अनावश्यक बोझ बन चुका है।

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