हकीकत : काकड़ा में टांके की पट्टियां गायब, बुहाना में छतों से नहीं जोड़े गए
हकीकत : काकड़ा में टांके की पट्टियां गायब, बुहाना में छतों से नहीं जोड़े गए

बुहाना : जल संग्रहण को बढ़ावा देने के लिए ग्राम पंचायत एवं सरकारी कार्यालयों में लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए टांके उचित देखरेख के अभाव में जर्जर हो गए है। बुहाना उपखंड में सरकार के इस योजना में रुपए तो खर्च हो गए लेकिन फायदा कुछ नहीं मिला। उपखंड की 48 ग्राम पंचायतों में जल ग्रहण के तहत 600, मनरेगा के तहत 400 एवं पंचायती राज के तहत करीब 300 टांकों का निर्माण कराया गया। जलग्रहण में काश्तकारों के, मनरेगा एवं पंचायती राज विभाग ने ग्राम पंचायत के सरकारी कार्यालयों एवं सार्वजनिक स्थानों पर टांकों का निर्माण कराया था। उक्त तीनों योजनाओं में एक टांका निर्माण पर करीब एक लाख से एक लाख तीस हजार रुपए तक खर्च किए गए। राज्य सरकार की मंशा थी कि टांका निर्माण कराने से ग्रामीण इलाकों में बारिश का पानी संचय किया जा सकेगा। टांका निर्माण के बाद पैसे तो उठा लिए गए लेकिन इनकी देखरेख नहीं की गई। नतीजा यह हुआ कि कई टांकों की पट्टिया निकाल कर लोगों ने घरों में उपयोग कर ली। सरकारी कार्यलायों में टांकों को छतों से नहीं जोड़ा गया, जिससे बारिश का पानी व्यर्थ जाता है। बुहाना पंचायत समिति कार्यालय प्रांगण में बनाए गए तीन टांकों में से एक टांका भी बारिश का पानी संग्रहण करने के लिए छतों से नहीं जुड़ा हुआ है।