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मोहर्रम से पहले उदयपुरवाटी में 150 साल पुरानी परंपरा:मुस्लिम समाज ने निकाला श्रीराम का अखाड़ा, हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल


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मोहर्रम से पहले उदयपुरवाटी में 150 साल पुरानी परंपरा:मुस्लिम समाज ने निकाला श्रीराम का अखाड़ा, हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल

मोहर्रम से पहले उदयपुरवाटी में 150 साल पुरानी परंपरा:मुस्लिम समाज ने निकाला श्रीराम का अखाड़ा, हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल

उदयपुरवाटी : उदयपुरवाटी में 150 वर्षों से चली आ रही सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी परंपरा का प्रदर्शन हुआ। मुस्लिम समाज ने मोहर्रम से दो दिन पहले श्रीराम का अखाड़ा निकाला। टिटेड़ा स्थित श्रीराम मंदिर में शस्त्र पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मंदिर में धूप-अगरबत्ती जलाकर प्रसाद चढ़ाया गया। ढोल-ताशे की धुन पर दोनों समुदायों के लोग जुलूस के रूप में पांच बत्ती तक पहुंचे। वहां डांड पट्टे खेलकर विभिन्न करतब दिखाए गए।

मोहर्रम के अवसर पर हज़रत ईमाम हुसैन की शहादत की याद में ताजिया महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इसकी तैयारियां एक सप्ताह पहले से शुरू हो जाती हैं। सबसे पहले चौपदारों का अखाड़ा निकलता है। इसके बाद कसाई और तेली समाज की ओर से सामूहिक कार्यक्रम होते हैं। अगले दिन बिसायती अखाड़े का कार्यक्रम होता है। फिर मेहंदी की रस्म पूरी की जाती है।

कार्यक्रम में अखाड़े के खलीफा रिजवान कच्छावा, ताजिएदार कुरड़ा खां चोपदार, पार्षद अब्दुल अज़ीज़ कच्छावा, थाना प्रभारी कस्तूर वर्मा और अग्रवाल समाज के अध्यक्ष विमल बंसल, डॉ.अजय सिंह शेखावत, हाजी हकीमुद्दीन, पूर्व पार्षद संदीप जीनगर, यासीन बिसायती, पार्षद माहिर खान, जमील कुरैशी, अमित अली कच्छावा चांद मनियार, कमल जीनगर, जमील मुगल, हनीफ काजी, इस्माइल काजी, बसीर तेली समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। रात भर चले कार्यक्रम का समापन सुबह 4 बजे जुम्मा मस्जिद के पास हुआ।

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