इस्लामपुर में ताजियों को अंतिम रूप देने में दिन-रात जुटे कारीगर : कस्बे के मुख्य मार्गों से होते हुए निकलेंगे ताजिये, अलम का जुलूस कल
इस्लामपुर में ताजियों को अंतिम रूप देने में दिन-रात जुटे कारीगर : कस्बे के मुख्य मार्गों से होते हुए निकलेंगे ताजिये, अलम का जुलूस कल

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
इस्लामपुर : पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम (6 जुलाई) की तैयारियां इन दिनों जोरों पर है। चांद दिखाई देने के साथ ही कारीगर ताजियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। कस्बे में ऐसे कारीगर हैं जो ताजियों के निर्माण में माहिर हैं और काफी लंबे समय से वो ये काम कर रहे हैं। कारीगर पूरी शिद्दत और लगन के साथ ताजियों को संवारने में जुटे हुए हैं। मोहर्रम कमेटी के महबूब इलाही ने बताया कि मोहर्रम नजदीक होने के चलते कारीगर रातभर ताजियों को बनाने और संवारने में लगे हुए हैं। शनिवार सुबह ताजियों की तामीर पूरी होगी। कारीगर सिकंदर ओर आदिल ने बताया कि इस बार ताजियों का लुक कुछ हटकर होगा। ताजियों को सतरंगी डिजिटल लाइटों से सजाया गया है जो की रात के समय हर किसी का ध्यान अपनी और आकर्षित करेगा।
अलम का जुलूस कल
हजरत अब्बास अलमबरदारर की शहादत की याद में निकलने वाला अलम का जुलूस गुरुवार को निकाला जाएगा। जोहर की नमाज के बाद मोहर्रम वाले चौक से अलम का जुलूस ढोल-ताशों की मातमी धुनों के साथ शुरू होगा जो मदीना बाजार, संगम बाजार व सिल्ला वाला चौक से होते हुए देर शाम वापस इसी रास्ते से होता हुआ मोहर्रम वाले चौक में पहुंचकर संपन्न होगा। अकीदतमंदों की ओर से जगह-जगह ठंडे पानी और शबील की स्टालें लगाई जाएंगी ओर घरों में विभिन्न पकवान बनाकर नियाज लगाकर तबर्रुक तकसीम किया जाएगा
शनिवार शाम को इमामबाड़े से बाहर निकलेंगे ताजिये
शनिवार को असर की नमाज के बाद ताजियों को इमामबाड़े से बाहर निकाल जाएगा। देर शाम को मुहर्रम वाले चौक में ताजियों की बैठक लगेगी जहां पर मेहंदी की रस्म अदा की जाएगी ओर नियाज लगाकर तबर्रुक तकसीम किया जाएगा। शनिवार देर रात को ईशा की नमाज के बाद ताजियों को बैठक से उठाया जाएगा ओर ढोल ताशों की मातमी धुनों के साथ रातभर मुख्य मार्गों से जुलूस निकाला जाएगा। अल सुबह मुहर्रम वाले चौक में पहुंचकर जुलूस संपन्न होगा। रविवार सुबह 10 बजे फिर से ताजियों का जुलूस शुरू होगा जो कस्बे के मुख्य मार्ग से होता हुआ देश शाम को सिल्ला वाले चौक में पहुंचेगा जहां से ताजियों को मैदाने कर्बला की तरफ रवाना किया जाएगा। कर्बला पहुंचकर ताजियों को सुपुर्दे खाक किया जाएगा।