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खेतड़ी में जर्जर पीएचसी भवन का कमरा ढहा:कमरे में संचालित हो रहा था चिकित्सा विभाग का कार्यालय, सामान क्षतिग्रस्त


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खेतड़ी में जर्जर पीएचसी भवन का कमरा ढहा:कमरे में संचालित हो रहा था चिकित्सा विभाग का कार्यालय, सामान क्षतिग्रस्त

खेतड़ी में जर्जर पीएचसी भवन का कमरा ढहा:कमरे में संचालित हो रहा था चिकित्सा विभाग का कार्यालय, सामान क्षतिग्रस्त

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : विजेन्द्र शर्मा

खेतड़ी : जसरापुर पीएचसी में सोमवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। अस्पताल भवन का एक हिस्सा अचानक गिर गया, जिसमें स्टोर और ऑफिस का रिकॉर्ड दब गया। गनीमत यह रही कि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार, सुबह लगभग 8 बजे अस्पताल भवन का वह हिस्सा जिसमें स्टोर था और उसके पास वाले कमरे में ऑफिस और एएनएम का टीकाकरण कक्ष था, अचानक गिर गया। इस कमरे में अस्पताल का स्टोर का सामान और रिकॉर्ड भी रखा हुआ था, जो मलबे में दब गया।

इस पीएचसी का भवन लगभग 60 वर्ष पुराना है और जिला कलेक्टर झुंझुनूं ने इसे 28 जनवरी 2022 को नकारा घोषित कर दिया था। इसके बावजूद, अस्पताल अभी भी इसी भवन में संचालित हो रहा है।जसरापुर में सीएचसी के नए भवन के लिए पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड जसरापुर इकाई ने अपनी सीएसआर योजना के तहत लगभग एक वर्ष पूर्व 2 करोड़ 11 लाख रुपयों की राशि स्वीकृत की थी। इसके नये अस्पताल भवन के लिए ग्राम पंचायत ने 8 हजार 333 वर्ग गज का पट्टा भी जारी कर दिया था। परंतु आज तक इस भवन का कार्य शुरू नहीं किया गया है।

ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर इस मामले की जांच की मांग की है और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि विभाग द्वारा इस नकारा भवन में अस्पताल संचालित करना लापरवाही है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।चिकित्सा अधिकारी प्रभारी पीएचसी जसरापुर डॉ. अनिता बूरी ने बताया कि पीएचसी संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिए उन्होंने तीन बार ग्राम पंचायत को पत्र लिखा है और इसकी प्रति विभाग के उच्चाधिकारियों को भी दी है।

इस मौके पर प्रकाश चनेजा, विक्रम सिराधना ,प्रवीण जसरापुर, कृष्ण सिराधना, सतपाल छाबड़ी, महावीर भांडोरिया, बंजी पोसवाल, विजय पांडे, रोताश चनेजा, धर्मपाल सिराधना, विक्रम नायक, सोनू निर्वाण, रामजस गुर्जर, सतवीर सिराधना, भगत पोसवाल, राजेश कुमावत, सतीश शर्मा, संतलाल चनेजा आदि मौजूद रहे।

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