ग्राम पंचायत नयासर के ग्रामीणों का प्रदर्शन:नगर परिषद शामिल करने का विरोध, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
ग्राम पंचायत नयासर के ग्रामीणों का प्रदर्शन:नगर परिषद शामिल करने का विरोध, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

झुंझुनूं : ग्राम पंचायत नयासर के अंतर्गत आने वाले राजस्व गांव भूरासर और भूरासर का बास को हाल ही में जारी नगर परिषद झुंझुनूं के परिसीमन प्रस्ताव में शामिल किए जाने के विरोध में मंगलवार को ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए गांव को नगर परिषद में शामिल नहीं करने की मांग की।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि भूरासर और भूरासर का बास की आबादी लगभग 2800 से अधिक है और अधिकांश लोग खेती तथा मनरेगा योजना के तहत मिलने वाले रोजगार पर निर्भर हैं।
वर्तमान में गांवों का संपूर्ण विकास ग्राम पंचायत स्तर पर हुआ है और भौगोलिक दृष्टि से यह गांव झुंझुनूं नगर परिषद क्षेत्र से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यदि इन गांवों को नगर परिषद क्षेत्र में शामिल किया जाता है तो इससे ग्रामीणों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि नगर परिषद के साथ जोड़े जाने के बाद गांवों की साफ-सफाई, पेयजल, सुरक्षा, सड़क, सीवरेज जैसे मूलभूत विकास कार्यों में भारी अव्यवस्था होगी, क्योंकि इतनी दूरी पर स्थित वार्डों तक नगर परिषद की सुविधाएं और सेवाएं समय पर पहुंचना संभव नहीं होगा।
इसके साथ ही ग्रामीणों को अपने कार्यों के लिए नगर परिषद के चक्कर लगाने पड़ेंगे, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होगी।
गांव के दीपचंद ने बताया कि हम सभी ग्रामीण नगर परिषद में शामिल होने के पक्ष में नहीं हैं। यह निर्णय ग्रामीणों की सहमति के बिना लिया गया है, जो पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हमारी मांगों को नजरअंदाज किया गया और गांवों को जबरन नगर परिषद में शामिल किया गया, तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके बाद भी यदि समाधान नहीं हुआ तो हम न्यायालय की शरण लेंगे।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ग्राम पंचायत के माध्यम से ही अब तक ग्रामीणों को योजनाओं और विकास कार्यों का लाभ मिला है, लेकिन नगर परिषद में शामिल किए जाने पर स्थानीय स्तर की भागीदारी खत्म हो जाएगी और गांव विकास से वंचित रह जाएंगे।
ग्रामीणों की मांग है कि भूरासर और भूरासर का बास को नगर परिषद परिसीमन से बाहर रखा जाए और उन्हें पूर्ववत ग्राम पंचायत नयासर के तहत ही रखा जाए। इस दौरान प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे और उन्होंने सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी भी की।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि अगर गांवों को नगर परिषद में शामिल किया जाता है, तो भविष्य में जल, निकासी, कचरा प्रबंधन, सड़क और अन्य आवश्यक सेवाओं की भारी कमी उत्पन्न हो सकती है।