कैंसर पीड़ित बुजुर्ग महिला को बस से बाहर किया:टिकट लाने तक 20 मिनट खड़ा रखा; बोलीं- मैं गुहार लगाती रही पर नहीं सुनी
कैंसर पीड़ित बुजुर्ग महिला को बस से बाहर किया:टिकट लाने तक 20 मिनट खड़ा रखा; बोलीं- मैं गुहार लगाती रही पर नहीं सुनी

झुंझुनूं : कैंसर का ऑपरेशन करवा कर लौट रही महिला को कंडक्टर ने बस से नीचे उतार दिया। महिला कहती रही- मेरा ऑपरेशन हो रखा है खड़ी नहीं रह सकती। साथ वाला टिकट लेने गया है। लेकिन, कंडेक्टर ने बस में बैठने नहीं दिया और बाहर खड़ा कर दिया। मामला झुंझुनूं रोडवेज बस स्टैंड का सुबह 8 बजे का है। मामला बढ़ा तो रोडवेज के अधिकारियों ने जांच की तो बस सीकर की निकली, उन्होंने कहा अगर शिकायत आती है तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
परिचित के साथ बस स्टैंड पर पहुंची थी
झुंझुनूं रोडवेज बस स्टैंड पर मलसीसर जाने वाली सुमित्रा देवी (58) ने बताया। वे अपने परिचित के साथ मलसीसर जाने के लिए रोडवेज बस स्टैंड पहुंची थी। उनका हाल ही में कैंसर का ऑपरेशन हुआ है।
झुंझुनूं से चंडीगढ़ जाने वाली सीकर डिपो की एक रोडवेज बस में चढ़ने की कोशिश करते हुए सुमित्रा देवी ने कंडक्टर से कहा कि वह खड़ी नहीं हो सकतीं और उनके साथ आया परिचित टिकट लेने जा रहा है। उन्हें कुछ देर बैठने दे।

20 मिनट तक बस के बाहर खड़ी रहीं
सुमित्रा देवी ने अनुरोध किया कि उन्हें पहले बस में बैठने दिया जाए और टिकट थोड़ी देर में ले लिया जाएगा। लेकिन, कंडक्टर ने बिना टिकट लिए बैठाने से मना कर दिया। सुमित्रा देवी का आरोप है कि कंडकटर ने उनसे कहा- बिना टिकट नहीं बैठा सकते, उतर जाओ। सुमित्रा देवी करीब 20 मिनट तक बस के बाहर खड़ी रहीं
‘मैं रोती रही, कोई नहीं सुना’
सुमित्रा देवी ने कहा- मैं इलाज करवा कर आ रही थी, शरीर में ताकत नहीं थी, बस में चढ़ी तो कंडक्टर बोला उतर जा। मैंने कहा – बेटा, बैठने दे, टिकट वाला आ रहा है। मगर उसने उतरने को मजबूर कर दिया। मैं बाहर खड़ी रही। बहुत बुरा लगा। रोई भी, पर किसी को फर्क नहीं पड़ा।

शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी
झुंझुनूं रोडवेज के चीफ मैनेजर गिरिराज स्वामी कहा की, तो उन्होंने घटना पर खेद व्यक्त किया। स्वामी ने कहा- मुझे यहां ज्वाइन किए हुए अभी 5 दिन ही हुए हैं। मैं रोज रात तक यहां रुकता हूं ताकि आमजन को कोई दिक्कत न हो। अगर महिला को बस से उतारा गया है तो यह निंदनीय है। संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।