नेक्सा एवरग्रीन आरोपियों के घर रेड में मिले 2.04 करोड़:बैंक और क्रिप्टो अकाउंट में मिले 15 करोड़ फ्रीज, राजस्थान-गुजरात में 25 ठिकानों पर चला था सर्च
नेक्सा एवरग्रीन आरोपियों के घर रेड में मिले 2.04 करोड़:बैंक और क्रिप्टो अकाउंट में मिले 15 करोड़ फ्रीज, राजस्थान-गुजरात में 25 ठिकानों पर चला था सर्च

सीकर : नेक्सा एवरग्रीन मामले में गुरुवार (12 जून) को हुई प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी में करोड़ों रुपए मिले है। ईडी ने 25 राजस्थान और गुजरात में हुई छापेमारी में ईडी को 2 करोड़ रुपए मामले है। दरअसल, ईडी ने राजस्थान, गुजरात और दिल्ली के करीब 24 जगहों पर छापेमारी की थी। ये कार्रवाई करीब 2700 करोड़ रुपए का मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा था। इस कार्रवाई में ईडी को क्रिप्टो और बैंक अकाउंट में मिले 15 करोड़ रुपए भी फ्रीज किए है।
बताया जा रहा है कि सीकर में ये कार्रवाई पनलावा, कूदन, रानोली और भैरूपुरा में हुई थी। मालिकों के बाद अब कंपनी के कई एजेंट भी ED की रडार पर है। इस प्रोजेक्ट में पैसे लगाने वालों को कंपनी की ओर से एक समय के बाद फ्लैट, जमीन या ज्यादा रेट पर पैसे वापस लौटने का भरोसा दिया जाता था। ठगी का शिकार होने वाले में पुलिसवाले और सरकारी कर्मचारी भी थे।
अलग-अलग ठिकानों पर मिले 2 करोड़ रुपए, कई डिवाइस भी जब्त
ED के अधिकारियों के मुताबिक ED जयपुर के द्वारा नेक्सा एवरग्रीन धोखाधड़ी मामले में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत जयपुर,सीकर,झुंझुनूं और अहमदाबाद में 25 स्थानों पर सर्च चलाया गया था। इस सर्च के दौरान अलग-अलग ठिकानों से 2.04 करोड़ रुपए की नगदी के साथ-साथ कई आपत्तिजनक रिकॉर्ड और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए। इसके अतिरिक्त नेक्सा समूह की विभिन्न संस्थाओं,सहयोगियों से जुड़े बैंक खातों/क्रिप्टो अकाउंट में पड़ी 15 करोड रुपए की राशि को फ्रीज कर दिया गया है।
नेक्सा की सीजीएसटी आयुक्तालय को जीएसटी चोरी की भी एक शिकायत मिली
जीएसटी अधिकारियों का आरोप है कि कम्पनी ने राजस्थान, दिल्ली और गुजरात में 30 फर्में जीएसटी कानून में रजिस्टर्ड करवाई थी, जो बाद में नहीं मिले। इन फर्मों के माध्यम से 2700 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जिस पर प्रशासनिक शुल्क के रूप में 5 फीसदी राशि काटी है। इस पर करीब 140 करोड़ रुपए का बकाया जीएसटी जमा ही नहीं हुआ।
इसी तरह कम्पनी ने करीब एक हजार करोड़ रुपए का भुगतान प्रोत्साहन व पुरस्कार के रूप में बांट दिए, जिसका उपयुक्त हिसाब ही नहीं रखा गया। सीजीएसटी आयुक्तालय, अलवर ने इसे अघोषित आय माना और 205 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी का मामला बनाया। खास बात यह भी रही कि सीजीएसटी आयुक्तालय ने कंपनी के दो बैंक खातों सहित 537 संपत्तियों को भी अंतरिम रूप से जब्त कर लिया गया, जो राज्य में उस समय की सबसे बड़ी जब्ती की कार्रवाई थी।

जानिए- क्या है नेक्सा एवरग्रीन प्रोजेक्ट
नेक्सा एवरग्रीन (NEXA EVERGREEN) कंपनी का रजिस्ट्रेशन अहमदाबाद में 17 अप्रैल 2021 में हुआ। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज अहमदाबाद के रिकॉर्ड से पता चलता है कि यह कंपनी रियल एस्टेट एक्टिविटी के लिए रजिस्टर्ड कराई गई थी। जिसके मालिक सीकर के पनलावा निवासी सुभाष बिजारणियां व रणवीर बिजारणियां हैं। गुजरात में धोलेरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर लोगों से इंवेस्ट के नाम पर रुपए लेने लगा था।
15 से ज्यादा कंपनी अलग-अलग नाम से बनाई
रणवीर और सुभाष ने केवल नेक्सा एवरग्रीन के नाम से ही नहीं, बल्कि कई अलग-अलग नाम से कंपनी बना ली थी। इन नामों से कई बैंकों में अकाउंट खोले गए थे। खास बात है कि इन कंपनियों में डायरेक्टर अलग-अलग थे। लोगों को झांसे में लेने के लिए सारे प्रोजेक्ट और कंपनी के नाम अधिकतर धोलेरा सिटी के नाम पर ही रखे गए थे।