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1971 का युद्ध लड़ने वाले नाथू सिंह जोधा का निधन


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1971 का युद्ध लड़ने वाले नाथू सिंह जोधा का निधन

परमवीर चक्र विजेता अरुण खेत्रपाल के टैंक में गनर थे, पाक के 10 टैंक किए थे ध्वस्त

सुजानगढ़ : 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में खास भूमिका निभाने वाले मानद कैप्टन (रिसालदार मेजर) नाथू सिंह जोधा का शनिवार तड़के निधन हो गया। बसन्तर के ऐतिहासिक टैंक युद्ध में उनकी वीरतापूर्ण भूमिका के लिए उन्हें गुमनाम योद्धा कहा जाता था। बता दें कि नाथू सिंह ने 1971 के भारत पाक युद्ध में भारतीय सेना के आर्मर्ड कॉर्प्स की 17 हॉर्स (पूना हॉर्स) रेजिमेंट के सेकंड लेफ्टिनेंट परमवीर चक्र विजेता अरुण क्षेत्रपाल के फ़ामागुस्ता टैंक के गनर की भूमिका निभाते हुए अपने अचूक और सटीक लक्ष्यभेद से पाकिस्तान की 13 लांसर रेजिमेंट के दस से ज्यादा टैंक ध्वस्त कर दिए थे। जोधा सुजानगढ़ के नजदीकी गांव हुसैनपुरा के रहने वाले थे।

नाथूसिंह जोधा का जन्म 5 फरवरी 1946 को राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के हुसैनपुरा गांव में अर्जुन सिंह जोधा एवं सुगन कंवर शेखावत के परिवार में हुआ था। 30 अगस्त 1963 को वह भारतीय सेना के आर्मर्ड कॉर्प्स में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के बाद उन्हें 17 हॉर्स (पूना हॉर्स) रेजिमेंट में सवार के पद पर नियुक्त किया गया था।

जोधा फामागुस्ता नाम के JX 202 सेंचुरियन टैंक के गनर थे। 17 पूना हॉर्स रेजिमेंट ने पाकिस्तान में घुसकर भीषण लड़ाई लड़ी और अकेले फामागुस्ता टैंक ने पाकिस्तान की 13 लांसर की A और B स्क्वाड्रन के उन्हीं की जमीन पर छक्के छुड़ा दिए। टैंक में आग लग जाने पर भी कमांडर अरूण खेत्रपाल अदम्य साहस के साथ लड़ाई के मैदान में डटे रहे। गनर नाथूसिंह जी के अचूक और सटीक निशानों ने शत्रु के 10 से ज्यादा टैंक ध्वस्त कर दिए।

टैंकों से टैंकों की इस भयानक लड़ाई में आरसीएल गोला लगने से फामागुस्ता टैंक के कमांडर सेकिंड लेफ्टिनेंट अरूण खेत्रपाल और लोडर नंद सिंह शेखावत वीरगति को प्राप्त हुए। सेकिंड लेफ्टिनेंट अरूण खेत्रपाल को उनके अदम्य साहस और अनुकरणीय वीरता के लिए भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। नाथू सिंह जोधा को मेंशन-इन-डिसपेच किया गया। नाथूसिंह जोधा बाद में रिसालदार मेजर के पद तक पदोन्नत हुए और 31 मई 1992 को मानद कैप्टन के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।

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