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पशुओं में चिंचडी तथा जू की रोकथाम व उपचार पर वैज्ञानिक पशुपालक संवाद संगोष्ठी का हुआ आयोजन 


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

पशुओं में चिंचडी तथा जू की रोकथाम व उपचार पर वैज्ञानिक पशुपालक संवाद संगोष्ठी का हुआ आयोजन 

पशुओं में चिंचडी तथा जू की रोकथाम व उपचार पर वैज्ञानिक पशुपालक संवाद संगोष्ठी का हुआ आयोजन 

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : पशु विज्ञान केंद्र झुंझुनूं के प्रभारी अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की अनुसूचित जाति उपयोजना एवं प्रसार शिक्षा निदेशालय राजूवास बीकानेर के द्वारा आयोजित वैज्ञानिक पशुपालक संवाद का आयोजन ग्राम केरू में किया गया । केंद्र के डॉ उमेश कुमार ने सभी पशुपालकों का स्वागत करते हुए पशुपालकों को पशुओं में पाये जाने वाले बाह्य परजीवियों जैसे चिंचड़ी, जू आदि के बारे में तथा इनसे पशुओं में होने वाले घातक प्रभावों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। पशुओ को दवाई लगाने से पहले नहलाना चाहिए एवं दवाई लगाने के बाद सूर्य के तेज धुप से बचाना चाहिये। चिंचड़ी व जू के उपचार में ब्यूटोक्स/ सैपरमेथ्रिन/ डेल्टामेथ्रिन दवा को 2ml एक लीटर पानी में घोलकर पशु पर छिड़काव या पोछा लगाए तथा एक घंटे बाद पशु को साफ पानी से नहला दें व रोकथाम में पशुशाला के आस-पास सफाई रखने व दीवार में कोई छिद्र है तो उसे बंद करने पशु को नियमित रूप से ब्रशिंग करने की सलाह दी।

दवा लगाने की विधियों के बारे में बताया जिसमे पशुपालक को चेहरे पर मास्क लगाकर एवम हाथ मे ग्लोब्स पहन कर लगाना चाहिए तथा पशु पोषण विभाग सखी डेयरी के डॉ लोकेश चाहर ने पशुपालकों को मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना, राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम), पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना, और नन्दी गौशाला जनसहभागिता योजना के बारे में बताया साथ ही बताया कि मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और ऊंट का बीमा किया जाता है, जिससे पशुओं की आकस्मिक मृत्यु पर आर्थिक सहायता मिलती है और नन्दी गौशाला जनसहभागिता योजना के तहत निराश्रित और आवारा गौवंश को संधारित करने के लिए गौशालाओं के निर्माण को सहायता प्रदान की जाती है.

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