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सीकर के जवान की अरुणाचल में संदिग्ध मौत:राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, शहीद का दर्जा देने की मांग


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सीकर के जवान की अरुणाचल में संदिग्ध मौत:राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, शहीद का दर्जा देने की मांग

सीकर के जवान की अरुणाचल में संदिग्ध मौत:राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, शहीद का दर्जा देने की मांग

खंडेला : सीकर जिले के खंडेला क्षेत्र के बरसिंहपुरा गांव के सैनिक राजबीर सिंह (30) की अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। भारतीय सेना की 24 जाट रेजिमेंट में तैनात राजबीर का मंगलवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों और परिजनों ने उन्हें शहीद का दर्जा देने और खंडेला में स्मारक बनाने की मांग उठाई है।

5 साल के बेटे दक्ष ने अपने पिता को मुखाग्नि दी।
5 साल के बेटे दक्ष ने अपने पिता को मुखाग्नि दी।

राजबीर सिंह अरुणाचल प्रदेश के अहिरगढ़ में तैनात थे। 11 साल पहले भारतीय सेना के भर्ती हुए थे। 12 मई को गांव से ड्यूटी पर रवाना होने के बाद शनिवार रात कैंप में उनकी असामयिक मृत्यु हो गई। रविवार सुबह परिजनों को सूचना मिली और सोमवार रात उनका शव खंडेला के राजकीय उप जिला अस्पताल पहुंचा। मंगलवार को अस्पताल परिसर से तिरंगा रैली निकाली गई जो बरसिंहपुरा पहुंची। जहां आरएसी जवानों ने सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि हुई। राजबीर के 5 साल के बेटे दक्ष ने चिता को मुखाग्नि दी। उनके परिवार में पत्नी मंजू देवी, 8 साल की बेटी और पिता जगदीश कालीरावना हैं जो सेना से सेवानिवृत्त होकर खेती करते हैं।

राजबीर 11 साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुआ था।
राजबीर 11 साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुआ था।

ग्रामीणों ने गुस्सा जताते हुए कहा कि 11 साल की सेवा के बावजूद राजबीर को शहीद का दर्जा नहीं मिला जो सैनिकों के सम्मान के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो दिन तक शव साधारण एंबुलेंस में रहा लेकिन किसी उच्चाधिकारी ने सुध नहीं ली जो सैनिक का अपमान है। परिजनों ने खंडेला में स्मारक निर्माण और सेना से सहायता की मांग की। प्रशासन ने स्मारक बनाने और सहायता दिलाने का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने कहा कि देश के लिए जान देने वाले सैनिकों को उचित सम्मान और सहायता मिलनी चाहिए।

पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

खंडेला विधायक सुभाष मील ने कहा- हमारे क्षेत्र का अगर कोई भी जवान देश के लिए सेवा करते हुए शहीद हो जाता है तो उसका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होना चाहिए। परिवार के लोगों ने मांग की है है कि शहिद का खंडेला में स्मारक बनाया जाए। जिसपर परिवार को जल्द स्मारक बनाने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही सेना की तरफ से जो भी सहायता मिलती है वह दिलाई जाएगी।

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