मदरसा बोर्ड के चेयरमैन और सचिव में विवादः चेयरमैन ने कहा- चौहान की मानसिक हालत खराब, चाकू, हॉकी लेकर आते हैं, मेरी जान को खतरा
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन और सचिव में विवादः चेयरमैन ने कहा- चौहान की मानसिक हालत खराब, चाकू, हॉकी लेकर आते हैं, मेरी जान को खतरा

जयपुर/झुंझुनूं : मदरसा बोर्ड चेयरमैन एमडी चौपदार और सचिव चेतन चौहान के बीच विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। बोर्ड चेयरमैन एमडी चौपदार ने सचिव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन दोनों में मदरसा बोर्ड के विकास कायाँ, नियुक्तियों, योजनाओं और फाइलों के निस्तारण को लेकर काफी समय खींचतान चल रही है। पिछले दिनों सचिव चेतन चौहान ने मदरसा पैराटीचर की नियुक्तियों में फर्जीवाड़े को लेकर सरकार को रिपोर्ट भेजी थी। वहीं चेयरमैन चौपदार ने मदरसा बोर्ड में कार्यरत कर्मचारियों को सचिव द्वारा प्रताड़ित करने और बिना संज्ञान में लाए अपने स्तर पर ही फाइलों का निस्तारण करने पर आपत्ति जताई है। अब मामला फिर से तूल पकड़ रहा है। इसको लेकर चेयरमैन ने मुख्यमंत्री से इस मामले में दखल देने की गुहार लगाई।
चौपदार ने कहा- मदरसा बोर्ड में नमाज कक्ष को जानबूझकर हटाया
‘बोर्ड सचिव की मानसिक हालत बिल्कुल खराब है। चाकू, हॉकी लेकर दफ्तर में आते हैं और मुझे जान का खतरा है। सचिव समुदाय विशेष के प्रति हीनभावना रखते हैं। पिछले दिनों मदरसा बोर्ड में नमाज कक्ष को जानबूझकर हटा दिया, जबकि बोर्ड में कार्यरत मुस्लिम कर्मचारी सालों से नमाज पढ़ते आ रहे हैं। बोर्ड सचिव चेतन चौहान महिला कर्मचारियों को देर रात तक कार्यालय में रुकने का दबाव बनाते हैं। बोर्ड के कर्मचारियों को नोटिस देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। चौपदार ने आरोप लगाया है कि मदरसा बोर्ड कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, शासन सौचव कार्मिक विभाग को प्रताडित करने की शिकायत की गई थी, लेकिन इन शिकायतों की जांच सचिव चेतन चौहान को ही सौंप दी गई। सचिव विभागीय पत्रवालियां चेयरमैन को नहीं भेजते और खुद के स्तर पर ही फैसले लेते हैं। 2013 से बोर्ड में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर गोविंद भारद्वाज को निजी सहायक के रूप में लगाया था, इसे बिना कारण हटाकर वेतन रोक लिया।”
मदरसा बोर्ड को ताला लगाने की धमकी
चोपदार ने बताया कि सचिव उन्हें बार-बार मदरसा बोर्ड को ताला लगाने की धमकी दे रहे है और यहां तक कि उनके कार्यालय तक को ताला लगा चुके हैं। उनके निजी सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। विभागीय व्हाट्सअप ग्रुप से उनका नाम हटा दिया। जब मैंने कर्मचारी को कहकर खुद को वापस जुड़वाया तो इस कर्मचारी को सचिव ने 17 सीसी का नोटिस थमा दिया। उनके द्वारा मदरसों का पंजीयन, मदरसों का क्रमोन्नत का कार्य रोकने, नई भर्ती की फाइल बंद करने और पैराटीचर्स को नियमित करने की बजाय उनकी नौकरी खत्म करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है, जिसके लिए वे मुख्य सचिव तक शिकायत कर चुके है। इस मामले में हमने सचिव से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया। उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।
सचिव कर रहे है कानून की अवहेलना
राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार के अनुसार बोर्ड सचिव चेतन चौहान अपने पद का खुलेआम दुरूपयोग कर रहे हैं। वे अधिनस्थ कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं और मदरसा पंजीयन की प्रक्रिया को बंद कर चुके हैं। वे मदरसों के क्रमोन्नति की पत्रावलियों को भी रोक चुके है तथा उन्होंने सीएम मदरसा आधुनिकीकरण योजनान्तर्गत स्वीकृत मदरसा भवनों के निर्माण की किश्त भी रोक रखी हैं।
स्मार्ट क्लास स्कीम पर लगाया ताला
चोपदार ने बताया कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने मदरसा स्मार्ट क्लास योजना के तहत 500 स्मार्ट क्लास बनाने के लिए 25 करोड़ रूपए मंजूर किए थे, जिनमें से 13 करोड़ 65 लाख रूपए आ भी गए, इसके बावजूद सचिव के उक्त योजना को बंद कर दिया है। इसी तरह सरकार ने मदरसों के 5562 शिक्षा अनुदेशकों को स्थायी करने का नोटिफिकेशन जारी किया था। साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर दी थी, जिसकी रिपोर्ट को सचिव ने ठण्डे बस्ते में डाल दिया हैं।
आज तक नहीं ली सरकारी सुविधा
एमडी चोपदार ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आशीर्वाद से 25 जनवरी, 2023 को मैने मदरसा बोर्ड चेयरमैन का पदभार सम्भाला था, तब से मैं निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा हूं। हालाकि राज्य में सत्ता परिवर्तन होने पर मुझे 28 फरवरी 2024 को पदच्युत कर दिया था, लेकिन माननीय उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से 24 अप्रेल 2024 को मैने पुनः कार्यभार सम्भाल लिया। उन्होंने बताया जब से मैं चेयरमैन बना हूं तब से मैने कोई सरकारी सुविधा नहीं ली हैं। गाड़ी, सहायक, ड्राइवर आदि भी खुद का रखता हूं और मकान किराया भी नहीं लेता हूं। पूरी तरह से जनता की सेवा कर रहा हूं। इसके बावजूद ऐसे अधिकारी को लगाया गया है जो मुझे और कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा हैं।
प्रतिबंध के बावजूद तबादले, न नए मदरसों का पंजीयन और न क्रमोन्नति
चोपदार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा तबादलों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बावजूद बोर्ड सचिव मोटी रकम लेकर मदरसा कर्मियों का तबादला कर रहे हैं। उन्होंने सचिव पर धार्मिक दुर्भावना करने का आरोप लगाया कि उन्होंने बोर्ड कार्यालय के प्रार्थना कक्ष से मुस्लिम कर्मचारियों की टोपी मुसल्ले फेंक दिए है और बोर्ड मुख्यालय आने वाले मौलानाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं
चौहान ने कहा- चेयरमैन को नियुक्ति की शक्तियां नहीं
“एमडी चौपदार और तत्कालीन अधिकारियों ने कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल रूल्स 2022 के तहत 3699 मदरसों के 5220 शिक्षा अनुदेशक, 39 शिक्षा सहयोगी, 88 कंप्यूटर शिक्षा सहयोगी और 215 कंप्यूटर अनुदेशक को शामिल किया था। चेयरमैन को नियुक्ति आदेश की शक्तियां नहीं है। इसके बावजूद एमडी चौपदार ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर चुनाव से पहले नियुक्ति आदेश जारी किए। कुछ पैराटीचर्स की फाइल पर दोनों के हस्ताक्षर नहीं थे, जांच करवाई तो पता चला बिना दस्तावेज सत्यापन के नियुक्तियां दी गई है। उनके सचिव ने बिना अनुमति विभाग का मेल एक्सेस किया, इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है। इसके बाद से चौपदार बौखलाए हुए है और अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।