राजस्थान में अब आधार कार्ड से भी फ्री इलाज मिलेगा:सरकारी हॉस्पिटलों में हो रही परेशानी से मरीजों को मिलेगी राहत; जल्द जारी होगा गजट
राजस्थान में अब आधार कार्ड से भी फ्री इलाज मिलेगा:सरकारी हॉस्पिटलों में हो रही परेशानी से मरीजों को मिलेगी राहत; जल्द जारी होगा गजट

जयपुर : राजस्थान के सरकारी हॉस्पिटलों में अब जन आधार कार्ड नहीं होने पर भी फ्री इलाज का लाभ मिलेगा। आरजीएचएस, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (मां योजना) समेत अन्य योजना का फायदा मिल सकेगा। केवल आधार कार्ड होने पर भी मरीज को ओपीडी, आईपीडी की सेवाएं मिल सकेगी।
इसके लिए इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम (IHMS) पोर्टल पर आने वाले दिनों में आधार नंबर के जरिए वेरिफिकेशन
की सुविधा शुरू होगी। अभी IHMS पोर्टल पर केवल जन आधार से ही वेरिफिकेशन करके व्यक्ति की पहचान होती है। अगर किसी व्यक्ति का जन आधार नहीं बना होता है तो उसे सरकारी हॉस्पिटल में इन सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।
IHMS पोर्टल पर केवल मरीज की पहचान करने के लिए जन आधार से ही वेरिफिकेशन की सुविधा है। कुछ समय पहले हेल्थ डिपार्टमेंट ने इसे लेकर केन्द्र सरकार और यूआईडीएआई को पत्र लिखकर आधार से वेरिफिकेशन की सुविधा शुरू करने की मांग की थी। इसके बाद पिछले दिनों यूआईडीएआई ने एक आदेश जारी करके चिकित्सा शिक्षा विभाग को आधार नंबर के जरिए व्यक्ति के वेरिफिकेशन की सुविधा प्रदान की थी।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के उप सचिव शिवशंकर अग्रवाल ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इस संबंध में गजट प्रकाशित करवाने के निर्देश दिए हैं। उप सचिव शिवशंकर अग्रवाल ने बताया- इस फैसले के बाद उन मरीजों को फायदा होगा, जिनका जन आधार नहीं है। ऐसे मरीज का IHMS पोर्टल पर वेरिफिकेशन करने के बाद सरकार की मेडिकल से संबंधित सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।

नहीं बनती रजिस्ट्रेशन की पर्ची
जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल की ही बात करें तो यहां अगर किसी मरीज का जन आधार कार्ड नहीं होता था तो उस मरीज की फ्री इलाज के रजिस्ट्रेशन की पर्ची नहीं बनती है। ऐसे मरीज को प्रदेश के बाहर का मरीज मानते हुए रजिस्ट्रेशन पर्ची बनाते थे। वहीं, ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के बाद जांच करवाने पर उसे सरकारी दरों के अनुसार भुगतान करना पड़ता है। यानी उस मरीज को फ्री जांच योजना का भी लाभ नहीं मिलता है।

2.04 करोड़ परिवारों के बने हैं जन आधार
राजस्थान में वर्तमान में 2 करोड़ 4 लाख से अधिक परिवारों के जन आधार कार्ड बने हैं। इन जन आधार में 7.91 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं। जन आधार राजस्थान के निवासियों की राज्य आईडी है, जो यह निर्धारित करती है कि ये व्यक्ति या परिवार राजस्थान के हैं। इसी के जरिए राज्य सरकार अपनी कल्याणकारी या फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ राज्य के निवासियों (पात्र व्यक्तियों) को देती है।