[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

सवाई माधोपुर में मिसाल बना मायरा: जब मुस्लिम भाइयों ने निभाया हिंदू बहन का फर्ज, मायरे में दिए 51 हजार और 45 जोड़ी कपड़े


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़ब्रेकिंग न्यूज़राजस्थानराज्यसवाईमाधोपुर

सवाई माधोपुर में मिसाल बना मायरा: जब मुस्लिम भाइयों ने निभाया हिंदू बहन का फर्ज, मायरे में दिए 51 हजार और 45 जोड़ी कपड़े

विमला अपने मायके गोगोर गांव पहुंची और भाइयों को निमंत्रण दिया, लेकिन उन्होंने मायरा भरने से इंकार कर दिया। यह सुनकर सीता टूट गई।

सवाई माधोपुर : राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के भगवतगढ़ गांव की एक ढाणी में हिंदू-मुस्लिम सौहार्द की एक मिसाल सामने आई है. यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक हिंदू महिला का मायरा भरकर आपसी भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश की. मुस्‍ल‍िम मसुदाय ने मायरे में 51 हजार रुपए और 45 जोड़ी नए कपड़े द‍िए.

भाइयों ने न‍िमंत्रण ठुकराया 

भगवतगढ़ गांव की रहने वाली सीता के बेटे की शादी 12 मई को थी. इस अवसर पर सीता अपने मायके, गोगोर गांव गई थी, जहाँ उसने अपने भाइयों को मायरे में शामिल होने और सहयोग करने का निमंत्रण दिया.लेकिन भाइयों ने निमंत्रण ठुकरा दिया और मायरा भरने से साफ इंकार कर दिया.

मस्ज‍िद में जाकर द‍िया न‍िमंत्रण 

सीता यह सुनकर बेहद दुखी हुई और मायूस मन से गोगोर गांव की मस्जिद पहुंच गई. वहां उसने एक छाबड़ी (टोकरी) निमंत्रण स्वरूप रख दी. यह देख मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बैठक बुलाई और हिंदू बहन सीता का मायरा भरने का निर्णय लिया. गांव के गद्दी समाज के पंच-पटेलों की सहमति से, समुदाय के लोगों ने आपसी सहयोग से सोमवार देर रात सीता के घर मायरा लेकर पहुंचे.

मुस्‍ल‍िम भाइयों का क‍िया स्‍वागत 

सीता ने मुस्लिम भाइयों का हृदय से स्वागत किया और यह घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई.गांव के साबिर सेठ और साजिद ने 31 हजार रुपये सहयोग स्वरूप दिए.इसके अलावा हाजी इलियास, नूरुद्दीन, साबू, अमीर, आमीन, शकील, इमरान और आबिद सहित कई गांववासियों ने भी आर्थिक सहयोग किया.

Related Articles